अधिकांश खिलाड़ियों के लिये जीत सबसे बड़ी प्रेरणा होती है लेकिन इतिहास रचने वाले भारत के युवा ग्रैंडमास्टर डी गुकेश उनमें से नहीं हैं। उनका कहना है कि सातवें दौर में फिरोजा अलीरजा से हारने के बाद उन्हें सबसे युवा कैंडिडेट्स शतरंज चैम्पियन बनने की प्रेरणा मिली।
चेन्नई के 17 वर्ष के गुकेश के पिता ENT सर्जन और मां माइक्रो बायोलॉजिस्ट हैं। उन्होंने चौदहवें और आखिरी दौर में अमेरिका के हिकारू नकामूरा से ड्रॉ खेलकर कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीता और विश्व चैम्पियनशिप खिताब के सबसे युवा चैलेंजर बने।वह इस साल के आखिर में चीन के डिंग लिरेन से खेलेंगे।
गुकेश ने टोरंटो से PTI (भाषा) Video को दिये जूम इंटरव्यू पर कहा , मैं शुरू ही से अच्छा महसूस कर रहा था लेकिन सातवें दौर में अलीरजा से हारने के बाद मैं निराश था। अगले दिन विश्राम का था और मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा था। इस तरह की हार से मुझे ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है।उन्होंने कहा , हार के बाद मुझे लगा कि अगर अच्छा खेला और सही मानसिकता के साथ खेला तो जीत सकता हूं।
BIG EXCLUSIVE | D Gukesh talks exclusively to PTI after becoming the youngest World Championship Challenger in Toronto, Canada.
"The focus from the beginning of the tournament was to trust the process, to be in the right mindset and play the right Chess. I think throughout the… pic.twitter.com/1qYoU9Ul86
गुकेश पांच बार के विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद के बाद कैंडिडेट्स खिताब जीतने वाले दूसरे ही भारतीय हैं। उन्होंने गैरी कास्पोरोव का 40 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा जो 1984 में 22 वर्ष की उम्र में सबसे युवा चैलेंजर बने थे।
दुनिया के तीसरे सबसे युवा ग्रैंडमास्टर ने कहा , शुरू ही से फोकस प्रक्रिया पर भरोसा करने पर , सही मानसिकता के साथ अच्छी शतरंज खेलने पर था। पूरे टूर्नामेंट में मैने अच्छा खेला और मैं खुशकिस्मत था कि नतीजे पक्ष में रहे।यह पूछने पर कि खिताब जीतकर कैसा लग रहा है, गुकेश ने कहा , यह खूबसूरत पल था। मैं बहुत खुश था और इत्मीनान है कि आखिर जीत गया।
गुकेश को जीत के लिये ड्रॉ की ही जरूरत थी और उन्होंने नकामूरा के खिलाफ कोई कोताही नहीं बरती। दोनों का मुकाबला 71 चालों के बाद ड्रॉ पर छूटा। दूसरी ओर फेबियानो कारूआना और इयान नेपाम्नियाश्चि की बाजी भी ड्रॉ रही। अगर दोनों में से कोई जीतता तो टाइब्रेक होता।
गुकेश ने कहा , मैं टाइब्रेकर की तैयारी कर रहा था। मैं अपने ट्रेनर से बात कर रहा था लेकिन जैसे ही बातचीत शुरू की, हमें पता चला कि अब इसकी जरूरत नहीं है।
विश्व चैम्पियनशिप खिताब के लिये उनकी योजना के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा , मेरे पास इसके बारे में सोचने के लिये ज्यादा समय नहीं था। मैं अच्छा प्रदर्शन जारी रखने की कोशिश करूंगा।उन्होंने कहा , आनंद ने मुझे बधाई दी। उनसे बात नहीं हो सकी लेकिन जल्दी ही करूंगा। मैने अपने माता पिता से बात की जो बहुत खुश हैं।
मैने अपने ट्रेनर, प्रायोजक और दोस्तों के साथ समय बिताया। बहुत सारे संदेश आ रहे हैं जिनके जवाब देने हैं।उन्होंने कहा , अभी कुछ दिन आराम करूंगा। पिछले तीन सप्ताह काफी तनावपूर्ण रहे हैं। आराम के बाद विश्व चैम्पियनशिप मैच के बारे में सोचूंगा।