विंबलडन : अब भी कोर्ट पर फेडरर का जलवा, लगातार 26वां सेट जीता

मयंक मिश्रा

गुरुवार, 5 जुलाई 2018 (15:50 IST)
रोजर फेडरर ने हाल ही में कहा था कि वे कुछ साल और खेलना चाहते हैं ताकि उनके जुड़वां लड़के भी अपनी जुड़वां बहनों की तरह उन्हें खेलते और जीतते हुए देख सके। वे थोड़ा समझ सकें कि उनके पिता क्या करते हैं?
 
 
फेडरर ऐसा कर भी सकते हैं, क्योंकि बुधवार को उन्होंने किसी भी तरह से यह जाहिर नहीं होने दिया कि वे जल्द ही 37 साल के होने वाले हैं। लुकास लैको के खिलाफ फेडरर ने न सिर्फ सीधे सेटों में जीत हासिल की बल्कि वे काफी प्रयोग भी करते रहे। फेडरर ने बुधवार को ड्रॉप शॉट को बैकहैंड स्लाइस शॉट खेलने की स्टाइल से खेला और इस वजह से लुकास इस शॉट को समझ ही नहीं पाए और जब भी फेडरर ने ऐसा किया, पॉइंट उन्हें ही मिले।
 
 
फोरहैंड शॉट पर भी फेडरर ने काफी पॉइंट्स जीते। उन्होंने फोरहैंड शॉट उनकी ताकत क्यों माना जाता है, इस मैच में यह सबको बता दिया। फेडरर को ख़िताब का सबसे तगड़ा दावेदार माना जा रहा है और उनके जीतने की संभावनाएं 6 में से 4 की हैं। लेकिन जैसा वे बुधवार को खेले हैं, यह संभावना और बढ़ सकती है।
 
 
वैसे फेडरर अकेले नहीं थे, जो कि एक पैरेंट होने के बावजूद खेल रहे थे। सेरेना भी बुधवार को कोर्ट पर थीं। सेरेना के विंबलडन में हिस्सा लेने के साथ ही उनको दी जाने वाली वरीयता पर सबकी नजरें टिकी हुई थीं। सेरेना को यहां 25वीं वरीयता दी गई थी जिसका ज्यादा मतलब नहीं निकला है, क्योंकि उनके हिस्से के ड्रॉ में अब 2 ही वरीयता प्राप्त खिलाडी बचे हैं। ऐसे में वरीयता की बहस से ज्यादा उनका खेल मायने रखता है। वे अभी बढ़िया खेल रही हैं और उनका दूसरे हफ्ते में पहुंचना दूसरे खिलाडियों की यहां जीतने की संभावनाओं को काफी कम कर देगा।
 
 
वैसे सेरेना की वजह से एक और बात यहां चर्चा का विषय बनी हुई है, वो है सेरेना को यहां चेयर अम्पायर द्वारा 'मिसेज विलियम्स' पुकारा जाना। वीनस को जहां अभी भी 'मिस विलियम्स' ही बुलाया जा रहा है, वहीं सेरेना शादी होने के कारण 'मिसेज' पुकारी जा रही हैं जबकि 2009 के बाद से यहां 'मिस', 'मिसेज' या 'मिस्टर' खिलाड़ी के नाम के आगे लिखने की परंपरा बंद कर दी गई थी और पुरुषों के नाम के आगे मिस्टर नहीं लगाया जा रहा है, मगर महिलाओं में शादी का ख्याल रखा जा रहा है।
 
 
पैरेंट्स के लिए बुधवार के दिन की शुरुआत अच्छी नहीं थी, मगर फेडरर और सेरेना ने अंत अच्छा बना दिया। 18 महीने के लियो की मां अजारेंका बुधवार को सीधे सेटों में प्लिसकोवा से हार गई थीं। अजारेंका का खुद पर काबू कम ही दिखा और वे ज्यादातर खुद से नाराजगी ही जताती रहीं। अगर वे थोड़ा शांत होकर खेलतीं तो प्लिसकोवा को बेहतर टक्कर दे सकतीं थीं। प्लिसकोवा का सेंटर कोर्ट पर यह पहला मैच था और उन्होंने सर्विस छोड़कर बाकी सभी हिस्सों में अच्छा खेला। प्लिसकोवा अपनी सर्विस में सुधार कर एक मजबूत दावेदार बन सकती हैं।
 
 
बुधवार को मजबूत दावेदारों में वोज्नियाकी और रादवांस्का हार गए। वोज्नियाकी एक समय आखिरी सेट में 1-5 और 0-40 से माकारोवा की सर्विस पर पीछे चल रही थीं, मगर उन्होंने यहां से वापसी करते हुए मैच 5-5 तक ला दिया था और एक यादगार जीत के काफी करीब तक पहुंच भी गई थीं। माकारोवा ने संभलते हुए मैच अपने नाम कर लिया।
 
वोज्नियाकी के अनुसार माकारोवा बुधवार को बहुत बढ़िया खेलीं और इतना बढ़िया खेलना वे शायद ही जारी रख पाएं और मुमकिन है कि वे ज्यादाआगे तक नहीं पहुंचे। अगर माकारोवा खेल का स्तर बनाए रखने में कामयाब होती हैं, तो उनको हराना मुश्किल होगा।
 
 
विंबलडन में उलटफेर होने का सिलसिला जारी है। गुरुवार को कितने उलटफेर होते हैं, देखते हैं। गुरुवार को होने वाले मैचों में सेंटर कोर्ट पर नडाल, कोंटा और एडमंड के मैच हैं, वहीं कोर्ट नंबर 1 पर सिलिच, हालेप, डेल पात्रो और ज्वेरेव के मैच हैं। जोकोविच का मैच कोर्ट नंबर 2 पर होना है। जोकोविच को मुख्य कोर्ट पर जगह न मिलना थोड़ा चौंकाने वाला है। उम्मीद है कि उनके मैच का रिजल्ट चौंकाने वाला न हो।

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