गोवा बना संतोष ट्रॉफी चैम्पियन

सोमवार, 15 जून 2009 (16:36 IST)
गोवा ने संघर्षपूर्ण फाइनल मुकाबले में 29 बार के विजेता बंगाल को टाइब्रेकर के जरिए 4-2 से हराकर 63वीं राष्ट्रीय संतोष ट्रॉफी राष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप का खिताब पाँचवी बार जीत लिया।

अतिरिक्त समय तक भी दोनों टीमों के गोलरहित रहने के बाद टाइब्रेकर का सहारा लिया गया, जिसमें गोवा ने बाजी मार ली। इस जीत से गोवा ने वर्ष 1999 में बंगाल के हाथों मिली खिताबी पराजय का बदला भी ले लिया। उसी साल बंगाल ने अंतिम बार यह राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती थी।

इससे पहले फाइनल मैच खेलते समय दोनों ही टीमें तनाव में दिखीं और कोई भी टीम अधिक हमलावर रवैया नहीं अख्तियार कर पाई। हालाँकि गोवा और बंगाल दोनों ही टीमों को गोल करने के कुछ सुनहरे मौके मिले लेकिन कोई भी स्कोर कर पाने में सफल नहीं हो पाया। जब निर्धारित समय तक कोई गोल नहीं हो पाया तो मैच अतिरिक्त समय तक भी खिंचा लेकिन वहाँ पर भी तस्वीर में कोई बदलाव नहीं आया।

अंत में विजेता का फैसला करने के लिए टाइब्रेकर का इस्तेमाल किया गया। क्लाइमेक्स लारेंस ने गोल करते हुए गोवा को 1-0 से आगे किया लेकिन स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया। बीवेन डिमेलो ने गोवा को एक बार फिर 2-1 से आगे किया और बंगाल के एस. सरकार अपना शॉट मिस कर बैठे।

जॉन डायस ने इस सुनहरे मौके को हाथ से नहीं जाने दिया और गेंद को सीधे गोल के भीतर डालते हुये गोवा को 3-1 की बढ़त दिला दी, मगर ललन पुइया ने अपना शॉट गोल के अंदर पहुँचाकर बंगाल को मुकाबले में वापस ला खड़ा किया, लेकिन फुल्गेनशिओ कार्दोजा काशाट गोल के भीतर जाते ही बंगाल की उम्मीदें धराशायी हो गई और गोवा के खिलाड़ी खुशी से उछल पड़े।

तमिलनाडु के खेलमंत्री मोइदीन खान ने गोवा के कप्तान फेलिक्स डिसूजा को विजेता ट्रॉफी सौंपी1 इसके साथ ही गोवा को पाँच लाख रुपए भी मिले1 इसके अलावा टूर्नामेंट में सर्वाधिक 12 गोल दागने वाले तमिलनाडु के खिलाडी रजत को 'गोल्डन बूट' पुरस्कार के अलावा एक लाख रुपए का चेक भी प्रदान किया गया।

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