विदेशों से मिले नकारात्मक संकेतों का असर भी बाजार पर देखा गया। शुक्रवार को जहां घरेलू शेयर बाजार बंद थे, वहीं अमेरिकी शेयर बाजार गिरावट में बंद हुए थे। आज एशियाई बाजार भी गिरावट में रहे, जिससे घरेलू स्तर पर निवेश धारणा कमजोर हुई।
पिछले सप्ताह की लगभग पूरी बढ़त बाजार ने एक दिन में गंवा दी। लॉकडाउन दो सप्ताह और बढ़ाए जाने की सरकार की घोषणा के बाद सेंसेक्स आज 2,002.27 अंक यानी 5.94 प्रतिशत लुढ़ककर 31,715.35 अंक पर और निफ्टी 566.40 अंक यानी 5.74 प्रतिशत टूटकर 9,293.50 अंक पर बंद हुआ।
यह गत 23 मार्च के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। देश के 75 जिलों में लॉकडाउन की घोषणा के बाद 23 मार्च को सेंसेक्स 13 फीसदी और निफ्टी 11 फीसदी से अधिक टूटा था। मझौली और छोटी कंपनियों पर अपेक्षाकृत कम दबाव रहा। बीएसई का मिडकैप 4.25 प्रतिशत की गिरावट में 11,502.59 अंक पर और स्मॉलकैप 3.14 प्रतिशत फिसलकर 10,753.58 अंक पर आ गया।
चौतरफा बिकवाली के बीच बैंकिंग, वित्तीय और धातु समूहों के सूचकांक आठ प्रतिशत से अधिक टूटे। दूरसंचार और स्वास्थ्य की बढ़त को छोड़कर अन्य सभी समूह भी 2.87 से 7.13 प्रतिशत की गिरावट में रहे। सेंसेक्स की कंपनियों में आईसीआईसीआई बैंक ने 11 प्रतिशत का नुकसान उठाया।