विदेशी निवेशकों से बाजार फिर गुलजार, 5 दिन में 3076 अंक बढ़ गया सेंसेक्स, निफ्टी ने तोड़ा रिकॉर्ड

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शनिवार, 22 मार्च 2025 (11:44 IST)
share market in 3rd week of march : मार्केट की बात में इस हफ्ते हम बात करेंगे मार्च के तीसरे हफ्ते में भारतीय शेयर बाजार की चाल की। शेयर बाजार एक्सपर्ट्स से बात कर हमने जाना कि कौन से सेंटिमेंट्स सेंसेक्स और निफ्टी पर कैसा असर डाल रहे हैं। शेयर बाजार के लिए मार्च का तीसरा हफ्ता कैसा रहा? मार्च के चौथे हफ्ते में शेयर बाजार किस दिशा में आगे बढ़ेगा और विदेशी निवेशकों का रुख कैसा रहेगा?
 
मार्च का पहला हफ्ता निवेशकों के लिए नई उम्मीद लेकर आया था। 7 मार्च को समाप्त हुए हफ्ते में दोनों इंडेक्स क्रमश: 74,333 और 22,553 पर बंद हुए थे। इस तरह 1 हफ्ते में सेंसेक्स में 1,135 अंकों की बढ़त रही तो निफ्टी भी 428 अंक बढ़ गया। हालांकि दूसरे हफ्ते में सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दिखाई दी। हफ्ते में केवल 4 दिन काम हुआ। इस हफ्ते सेंसेक्स में 504 अंक गिर गया वहीं निफ्टी में 156 अंकों की गिरावट दिखाई दी। तीसरे हफ्ते में बाजार में भारी उछाल दिखाई दिया। सेंसेक्स 3076 अंक बढ़ गया तो निफ्टी में भी 953 अंकों का उछाल दिखाई दिया। 
 
क्यों बदली बाजार की चाल : बहरहाल यह हफ्ता निवेशकों के लिए 2025 का सबसे सकारात्मक हफ्ता कहा जा सकता है। इसे पिछले 4 साल का सबसे बेहतर विकली परफॉर्मेंस भी कहा जा सकता है। निफ्टी ने 21800 के स्तर को पार कर लिया है। इससे निवेशकों में उत्साह का संचार हुआ है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा वर्ष में 2 बार और कटौती के संकेत, एफआईआई द्वारा भारतीय शेयर बाजार पिछले 6 माह से की जार रही बिकवाली में कटौती, आरबीआई द्वारा इंडसइंड बैंक के समर्थन में दिए बयान से शेयर बाजार में माहौल सकारात्मक हुआ है।
 
बाजार में डीआईआई और एफआईई की लिवाली से 2772 शेयर हरे निशान में रहे, हालांकि 1286 शेयरों में गिरावट दिखाई दी। रुपए की मजबूती ने भी भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों को खुश होने का मौका दिया। निवेशकों की संपत्ति 5 दिन में 22.12 लाख करोड़ रुपए बढ़ गई। 
 
क्या कहते हैं एक्सपर्ट : शेयर बाजार विशेषज्ञ नितिन भंडारी ने कहा कि बाजार में ओवर सोलड की कंडीशन बन गई थी। स्मार्ट इंवेस्टर्स ने इसका फायदा उठाया और नीचले स्तर से खरीदारी शुरू कर दी। पिछले 3-4 दिनों से FII भी बाइंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मार्च का महीना म्यूचुअल फंड कंपनियों के लिए एनएवी मैनेजमेंट की दृष्‍टि से भी महत्वपूर्ण होता है। कुल मिलाकर बहुत सारी मिक्स्ड सिचुएशन की वजह से बाजार में सकारात्मक रैली दिखाई दे रही है। 
 
भंडारी ने बताया कि मैटल्स सेक्टर से जुड़ी कंपनियां बेहतर कर रही है। ट्रंप टैरिफ लागू होने के बाद भी इन कंपनियों के लिए स्थितियां सकारात्मक ही बनी रहेगी। आईटी सेक्टर की कंपनियों में भी निचले स्तर पर अच्छी खरीदारी हुई। इन कंपनियों में भी ग्रोथ की काफी संभावनाएं है। उन्होंने कहा कि अप्रैल तक यह ट्रेंड बरकरार रह सकता है। 
 
शेयर बाजार विशेषज्ञ योगेश बागौरा के अनुसार, यह हफ्ता भारतीय शेयर बाजार के लिए जबरदस्त रहा। एफआईआई ने इस हफ्ते खरीदारी की। 10 जनवरी के बाद से पहली बार रुपया इतना मजबूत हुआ। निफ्टी 4 साल में कभी भी एक हफ्ते में 4 फीसदी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि ट्रंप के टैरिफ से अमेरिका में मंदी की संभावना बन रही है। डॉलर कमजोर हो रहा है, वहां महंगाई बढ़ने की आशंका है। इसका फायदा भारत जैसे बाजार को मिल रहा है। भारत का जीडीपी का अनुमान भी बेहतर आया है। इस वजह से विदेशी निवेशक वापस लौटे हैं। उन्होंने कहा कि 23500-600 पर बाजार में मुनाफा वसूली दिखाई दे सकती है।
 
इन सेक्टर्स में बहार : मिडकैप और स्मालकैप में भी करीब 8 फीसदी की तेजी आई है। बीएसई में तेल और गैस सेक्टर में इस हफ्ते 2.25 फीसदी की तेजी दिखाई दी। यूटिलिटीज में 2.11, दूरसंचार में 1.91, उर्जा में 1.86, और हेल्थकेयर सेक्टर में 1.56 फीसदी की तेजी रही। मेटल्स सेक्टर और आईटी सेक्टर में भी इस हफ्ते अच्छी बढ़त रही। आईटी सेक्टर अमेरिका पर निर्भर है। इस वजह से इसमें ज्यादा उतार चढ़ाव दिखाई दे रहा है। बैंकिंग सेक्टर के शेयरों ने भी इस हफ्ते अच्छे परफॉर्म किया।  
 
विदेशी निवेशकों की लिवाली  : बाजार में गिरावट की सबसे बड़ी वजह विदेशी निवेशकों की बिकवाली थी। कंपनियों के हाई वैल्यूएशन और कमजोर कमाई की वजह से अक्टूबर से FII भारतीय शेयर बाजार में लगातार शेयरों की बिक्री कर रहे थे। इधर डीआईआई लगातार खरीदी कर बाजार को संभालने का प्रयास कर रहे थे। एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार, इस हफ्ते 3 दिन विदेशी निवेशकों ने खरीदी की। इससे भारतीय शेयर बाजार को खासी मजबूती मिली। अब विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी भारतीय शेयर बाजार में बनी रहती है तो बाजार में मजबूती आएगी।    
 
अस्वीकरण : यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।

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