मुंबई। शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव से आम निवेशक हैरान हैं। उन्हें यह समझ नहीं आता बाजार में आई गिरावट क्षणिक है या गिरावट का दौर लंबा चलेगा। इस चक्कर में कई बार व्यक्ति समय से पहले अपने शेयर बेच देता है और इससे होने वाले फायदे से वंचित रह सकता है। कई बार वह शेयर होल्ड पर रख लेता है और शेयर में भारी गिरावट की वजह से उसे नुकसान हो जाता है। आइए जानते हैं शेयर बाजार में ECG की तरह क्यों होता है उतार चढ़ाव?
शेयर बाजार में क्यों होता है उतार चढ़ाव : शेयर बाजार में जब किसी शेयर की मांग अधिक होती है और बिक्री के लिए शेयर कम उपलब्ध हो तो उसके भाव बढ़ जाते हैं। इसी तरह जब शेयर के दाम कम हो और मांग अधिक, तो उस शेयर की कीमत गिर जाती है।
शेयर बाजार पर राष्ट्रीय घटनाओं के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली घटनाओं का भी असर होता है। अगर मानसून अच्छा है तो बाजार में पैसा आएगा और शेयर बाजार बढ़ेगा। इसी तरह सरकार द्वारा उठाए गए सकारात्मक कदमों का असर भी बाजार पर अच्छा ही पड़ेगा। अगर रिजर्व बैंक ने रेपो दर घटाई तो लोन सस्ता होगा। इससे बैंकिंग सेक्टर, रियलिटी सेक्टर को फायदा होगा और उसके शेयरों के दाम बढ़ जाएंगे।
युद्ध, आर्थिक मंदी, रुपए में गिरावट आदि खबरों का बाजार पर नकारात्मक असर पड़ेगा। इसी तरह अगर अमेरिका समेत किसी भी देश का बाजार गिर रहा है तो भारतीय बाजार में भी गिरावट की संभावना ज्यादा रहेगी।
फिलहाल क्यों गिर रहा है बाजार : बाजार विशेषज्ञ सागर अग्रवाल ने बताया कि फिलहाल सेंटिमेंट्स डाउन ट्रेंड में है। अमेरिका में इस समय महंगाई चरम पर है। इसे काबू करने के लिए फेडरल रिजर्व रेपो रेट बढ़ा रहा है। ऐसा माना जाता है कि अमेरिका इस तरह के कदम बहुत कम उठाता है। अभी 3 दिन पहले जैसे ही फेडरल रिजर्व ने इंटरेस्ट रेट बढ़ाया, इसका असर पूरी दुनिया के शेयर बाजारों पर पड़ रहा है। अमेरिकी शेयर बाजार डाऊजोंस तो 52 हफ्ते के लो पर पहुंच गया। बाजार यह भी मान रहा है कि इस साल के अंत तक रेसेशन आ सकता है।