दुबई:ऐसा लगता है भारतीय क्रिकेट एक सोच के साथ आगे नहीं बढ़ रहा है। जब जसप्रीत बुमराह प्रेस कॉंफ्रेस में आए तो विराट कोहली ने उनसे ठीक पहले कहा था कि भारतीय टीम ने साहसिक खेल नहीं दिखाया लेकिन इसके 10 मिनट बाद जसप्रीत बुमराह आए और कहा कि भारतीय बल्लेबाजों ने कुछ ज्यादा ही आक्रामकता दिखाई जिसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा।
भारत के तेज गेंदबाजी आक्रमण के अगुआ जसप्रीत बुमराह ने यहां चल रहे टी20 विश्व कप में टीम के खराब प्रदर्शन के लिए जैविक रूप से सुरक्षित माहौल की थकान को भी जिम्मेदार ठहराया।
भारत को रविवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ आठ विकेट से हार का सामना करना पड़ा जिससे टीम पर ग्रुप चरण से ही बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है। भारत को अभी तीन और ग्रुप मुकाबले खेलने हैं। भारत ने अब तक कोई मैच नहीं जीता है। उसे पहले मुकाबले में पाकिस्तान के खिलाफ 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था।
आईपीएल के दूसरे चरण और टी20 विश्व कप की शुरुआत के बीच काफी कम अंतर के बारे में पूछे जाने पर बुमराह ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, बेशक, आपको ब्रेक की जरूरत होती है।
भारत के पाकिस्तान के खिलाफ पहले मैच और न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे मैच के बीच में छह दिन का अंतर था। कप्तान विराट कोहली ने इसे थकान और हल्की चोट से निपटने में मददगार करार देने के बाद कल रात टॉस के दौरान बेवकूफाना करार दिया था।
भारत जून से जैविक रूप से सुरक्षित माहौल का हिस्सा है जब टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल खेलने के लिए इंग्लैंड गई थी। टीम को इस मुकाबले के बाद तीन हफ्ते का ब्रेक मिला जिसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला खेली गई।
रविवार के मैच के संदर्भ में बुमराह ने कहा कि ओस के कारण गेंदबाजों को 30 रन अतिरिक्त देने के लिए बल्लेबाजों ने आक्रामक होकर खेलने का फैसला किया और ऐसा टीम प्रबंधन का सुझाव था।
बुमराह का आक्रामक खेल का बयान कप्तान कोहली के मैच तुरंत बाद यह स्वीकार करने के बाद आया कि ना तो उनके खिलाड़ियों की बॉडी लैंग्वेज उचित थी और ना ही उन्होंने साहसिक रवैया दिखाया।कप्तान और शीर्ष तेज गेंदबाज के बयानों में अंतर दर्शाता है कि संवाद वास्तव में समस्या है।
बुमराह ने खराब प्रदर्शन का बचाव करने का प्रयास करते हुए कहा, बल्लेबाज 20 से 30 रन अतिरिक्त बनाना चाहते थे और इसलिए उन्होंने काफी आक्रामक शॉट खेलने का प्रयास किया, जो सफल नहीं रहा। दूसरी पारी में बल्लेबाजी आसान हो रही है इसलिए वे गेंदबाजों को बचाव के लिये अतिरिक्त रन देना चाहते थे और इस प्रक्रिया में उन्होंने काफी आक्रामक शॉट खेले।