वह साल 2010 था जब भारत ने लगातार दो या दो से ज्यादा मैच टी-20 विश्वकप में हारा था और सेमीफाइनल में जगह बनाने से चूक गया था। इसके बाद साल 2012 के विश्वकप में भी भारत ने पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका को हराया था लेकिन नेट रन रेट का ऐसा पेंच फसा की भारत सेमीफाइनल में जगह नहीं बना पाया।
साल 2012 के टी-20 विश्वकप में भारत की ऑस्ट्रेलिया से हार ऐसी भारी पड़ी थी कि उसे अपनी नेट रन रेट सुधारने के लिए दक्षिण अफ्रीका को बहुत बड़े अंतर से हराना था। अंत में भारत दक्षिण अफ्रीका से सिर्फ 1 रन से जीतकर टूर्नामेंट से बाहर हो गया था।
हालांकि वह विश्वकप में कम से कम भारत लड़ता हुआ दिखा इस विश्वकप में तो सिर्फ आत्मसमर्पण करता हुआ ही दिखा। पहले पाकिस्तान के खिलाफ 10 विकटों से बड़ी हार उसके बाद ठीक एक हफ्ते बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ भी 8 विकेट से मात अब भारत के लिए सेमीफाइनल के दरवाजे लगभग बंद है।
साल 2014 के टी-20 विश्वकप में भारत फाइनल तक पहुंचा था और श्रीलंका से एकमात्र मैच फाइनल में हारा। साल 2016 में भारत सेमीफाइनल में पहुंचा था और वेस्टइंडीज के सामने खड़ा किया विशालकाय लक्ष्य भी उसे फाइनल तक नहीं पहुंचा पाया था।
लगातार 2 मैच हारने के बाद अब भारत के लिए टी-20 विश्वकप के दरवाजे लगभग बंद हो चुके हैं। अफगानिस्तान अगर न्यूजीलैंड को हरा भी दे तो उसकी नेट रन रेट बहुत ज्यादा है क्योंकि उसके पहले स्कॉटलैंड को 130 रनों से और फिर आज नामिबिया को 60 रनों से हराया है।
क्या हुआ आज के मैच में
न्यूज़ीलैंड ने अपने गेंदबाजों के दमदार प्रदर्शन से भारत को आईसीसी टी 20 विश्व कप के ग्रुप दो मुकाबले में रविवार को एकतरफा अंदाज में आठ विकेट से शिकस्त दे दी और सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए अपना दावा मजबूत कर लिया। भारत का लगातार दूसरी हार के साथ सेमीफाइनल में जाने का सपना लगभग टूट गया है।
न्यूज़ीलैंड ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का फैसला किया। भारत ने ओपनिंग में लोकेश राहुल के साथ रोहित शर्मा की जगह ईशान किशन को उतारा। किशन ने आठ गेंदों में एक चौका लगाया लेकिन एक बड़ा शॉट मारने के प्रयास में वह डेरिल मिशेल को बॉउंड्री पर कैच थमा बैठे। भारत का पहला विकेट 11 के स्कोर पर गिरा।
तीसरे बल्लेबाज के रूप में उतरे रोहित शर्मा ने आने के साथ ही ट्रेंट बोल्ट की बाउंसर को हुक किया लेकिन बॉउंड्री पर खड़े फील्डर ने आसान कैच टपका दिया। हालांकि रोहित इस जीवनदान का फायदा नहीं उठा पाए और 14 गेंदों में एक चौके और एक छक्के की मदद से 14 रन बनाकर लेग स्पिनर ईश सोढी की गेंद पर मार्टिन गुप्तिल को कैच थमा बैठे। कप्तान विराट कोहली से खासी उम्मीदें थीं लेकिन 17 गेंदों में बिना किसी बॉउंड्री के नौ रन बनाकर वह सोढी का दूसरा शिकार बन गए। सोढी अपने जन्मदिन पर प्लेयर ऑफ द मैच बन गए।
विकेटकीपर ऋषभ पंत ने 19 गेंदों में बिना किसी बॉउंड्री के 12 रन बनाकर एडम मिल्ने की गेंद पर बोल्ड हो गए। पंत का विकेट 70 के स्कोर पर गिरा। हार्दिक पांड्या ने कोई बड़ा शॉट नहीं खेला और 24 गेंदों में एक चौके के सहारे 23 रन बनाकर ट्रेंट बोल्ट की गेंद पर गुप्तिल को कैच दे बैठे।
शार्दुल ठाकुर तीन गेंद खेलकर अपना खाता नहीं खोल पाए और बोल्ट की गेंद पर गुप्तिल के हाथों लपके गए। रवींद्र जडेजा ने 19 गेंदों पर दो चौकों और एक छक्के की मदद से 26 रन बनाये। जडेजा को आखिरी गेंद पर जीवनदान मिला।
न्यूज़ीलैंड की तरफ से बोल्ट ने 20 रन पर तीन विकेट और सोढी ने 17 रन पर दो विकेट लिए जबकि एक एक विकेट टिम साउदी और एडम मिल्ने को मिला।