दुबई: क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका के रंगभेद के खिलाफ मैदान पर खिलाड़ियों के घुटने टेकने के निर्देश के बाद दक्षिण अफ्रीकाई टीम में तनाव पैदा हो गया है। दरअसल इस फैसले को टीम के स्टार एवं इंफॉर्म विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंडन डी कॉक के आज यहां वेस्ट इंडीज के खिलाफ टी-20 विश्व कप का अहम मुकाबला न खेलने से जोड़ कर देखा जा रहा है।
डी कॉक ना तो चोटिल हैं और ना ही आउट ऑफ फॉर्म हैं, बावजूद इसके वह अपनी मर्जी से प्लेइंग इलेवन (एकादश) में शामिल नहीं हुए हैं। कप्तान तेम्बा बावुमा ने बेशक इसके पीछे निजी कारण का हवाला दिया हो, लेकिन सीएसए के रंगभेद के खिलाफ सभी खिलाड़ियों के मैदान पर घुटने टेकने के निर्देश के बाद डी कॉक ने मैच न खेलने का फैसला लिया है, हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है।
सीएसए ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा, “ हम सर्वसम्मति से एक निर्देश जारी करने पर सहमत हुए हैं जो मैच शुरू होने से पहले मैदान पर रंगभेद के खिलाफ सभी खिलाड़ियों के घुटने टेकने से संबंधित है। ” समझा जाता है कि बोर्ड ने सोमवार की रात को यह निर्णय लिया था और मंगलवार को एक विज्ञप्ति जारी करते हुए इसकी घोषणा की।
पहले भी निजी मसला बताकर कॉक ने नहीं टेके थे घुटने
उल्लेखनीय है कि डी कॉक ने इस वर्ष सेंट लूसिया में वेस्ट इंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान 12 जून को एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में घुटने न टेकने के पीछे की वजह बताने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था, “ यह मेरा निजी मसला है। मैं इसे अपने तक सीमित रखूंगा। यह मेरी व्यक्तिगत राय है। हर किसी का अपना-अपना निर्णय है, किसी को कुछ भी करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। मैं चीजों को इसी तरह देखता हूं। ”
बाउचर ने कहा था हर मैच में नहीं करेंगे दिखावा
वहीं ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन की शुरुआत के वक्त दक्षिण अफ्रीकाई टीम ने भी घुटनों पर बैठने से इनकार कर दिया था। खुद टीम के मुख्य कोच मार्क बाउचर ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि वह इस आंदोलन का समर्थन करते हैं, लेकिन वह हर मैच में घुटनों पर बैठकर इसका दिखावा नहीं करना चाहते, पर अब दक्षिण अफ्रीकाई क्रिकेट बोर्ड ने इसका समर्थन करने का ऐलान किया है। इसके तहत अब खिलाड़ी हर मैच से पहले घुटने पर बैठेंगे। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में भारतीय खिलाड़ी भी रंगभेद के खिलाफ मैच से पहले घुटनों पर बैठे थे।
यह मैच दक्षिण अफ्रीका के लिए काफी जरूरी था लेकिन फिर भी बोर्ड ने कॉक के इस कदम के कारण उनको अंतिम ग्यारह में शामिल नहीं किया।
दक्षिण अफ्रीका इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 विकेट से हार गई थी। इस मैच में डि कॉक अच्छी लय में नजर आ रहे थे लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से बोल्ड हो गए थे। उनके आउट होने के बाद कोई भी बल्लेबाज टिक कर नहीं खेल सका था। वेस्टइंडीज जैसी टीम के खिलाफ कॉक जैसे खिलाड़ी का ना होना निश्चित तौर पर दक्षिण अफ्रीका को खल सकता है।
You can't force someone to do that. Also not 'taking a knee' doesn't make him a racist, he believes in actual equality and not on quota on South Africa cricket!!#T20WorldCup