सूर्यकुमार यादव सातवें से 15वें ओवर के बीच बल्लेबाजी करने की अपनी भूमिका का आनंद लेते हैं जब क्षेत्ररक्षक मैदान में फैले होते हैं और विपक्षी गेंदबाज रन गति पर अंकुश लगाकर वापसी करने की कोशिश करते हैं।
दुनिया के नंबर एक टी20 अंतरराष्ट्रीय बल्लेबाज सूर्यकुमार ने अफगानिस्तान के खिलाफ शानदार बल्लेबाजी की और मैदान में चारों तरफ शॉट लगाकर 28 गेंद में 53 रन बनाते हुए भारत को आठ विकेट पर 181 रन तक पहुंचाया।
सूर्यकुमार ने पारी के ब्रेक के दौरान प्रसारणकर्ता से कहा, मैंने यही अभ्यास किया है, मुझे सात से 15 ओवर के बीच बल्लेबाजी करना पसंद है क्योंकि यह सबसे कठिन चरण होता है, जब विपक्षी गेंदबाज चीजों को नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं। मुझे उस चरण में जिम्मेदारी लेना पसंद है, मैं इसका आनंद लेता हूं।
कप्तान रोहित शर्मा के आउट होने के बाद ऋषभ पंत और विराट कोहली ने 43 रन जोड़कर टीम को कुछ हद तक संभाला लेकिन राशिद खान के दोहरे झटकों ने भारत का स्कोर तीन विकेट पर 62 रन कर दिया।
सूर्यकुमार ने कहा, जब वह (कोहली) आउट हुआ तो मैं तैयार हो गया। मैंने बस अपने खेल और अपनी प्रवृत्ति पर भरोसा किया। मैंने उसके (रोहित शर्मा) साथ बहुत क्रिकेट खेला है और अब उसकी कप्तानी में, वह मेरे खेल को समझता है। वह मेरा खेल जानता है, इसलिए वह आराम से बैठकर इसका आनंद लेता है।
सूर्यकुमार ने जीत के बाद गेंदबाजों की सराहना की
सूर्यकुमार यादव को आईसीसी टी20 विश्व कप के सुपर आठ चरण के ग्रुप एक मैच में अफगानिस्तान के खिलाफ अर्धशतक जड़ने के लिए मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया लेकिन उन्होंने गेंदबाजों की सराहना करते हुए कहा कि अगर यह पुरस्कार किसी गेंदबाज को मिलता तो उन्हें कोई परेशानी नहीं होती।
भारत के 182 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए अफगानिस्तान की टीम बुमराह (सात रन पर तीन विकेट), अर्शदीप सिंह (36 रन पर तीन विकेट) और कुलदीप यादव (32 रन पर दो विकेट) की उम्दा गेंदबाजी के सामने 20 ओवर में 134 रन पर सिमट गई जिससे रोहित शर्मा की टीम ने 47 रन की आसान जीत दर्ज की।
अफगानिस्तान की ओर से अजमतुल्लाह ओमरजई ने सर्वाधिक 26 रन बनाए। उनके अलावा अफगानिस्तान का कोई बल्लेबाज 20 रन के आंकड़े को भी नहीं छू पाया।
भारत ने इससे पहले सूर्यकुमार की 28 गेंद में पांच चौकों और तीन छक्कों से 53 रन की पारी और हार्दिक पंड्या (32 रन, 24 गेंद, तीन चौके, दो छक्के) के साथ उनकी पांचवें विकेट के लिए 37 गेंद में 60 रन की साझेदारी से आठ विकेट पर 181 रन बनाए।
सूर्यकुमार ने भारत की जीत के बाद कहा, मुझे मैच के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार किसी गेंदबाज को भी देने में कोई आपत्ति नहीं है। बल्लेबाज को पहली बार यह पुरस्कार मिला, उम्मीद है कि कई बल्लेबाजों को और मिलेगा।
सूर्यकुमार ने मुश्किल परिस्थितियों में जड़े अपने अर्धशतक के संदर्भ में कहा, इसके पीछे बहुत मेहनत और अभ्यास है। बहुत सारी दिनचर्या और प्रक्रिया है। जब मैं मैदान पर जाता हूं तो मुझे क्या करना है, इस बारे में मैं बहुत स्पष्ट रहता हूं।
बल्लेबाजी करते हुए रणनीति के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, जब आप मैदान पर उतरें तो टीम को प्राथमिकता दें। मुझे याद है कि जब हार्दिक आए थे, तो मैंने उनसे कहा था कि जब गेंद पुरानी हो जाए या रिवर्स होने लगे तो आखिर के लिए बहुत कुछ मत छोड़ें। मैं बस तेजी से रन बनाना चाहता था और देखना चाहता था कि हम 16 ओवर में कहां पहुंचते हैं, और वहां से आगे बढ़ना चाहता था। (भाषा)