भारत को आईसीसी टी20 विश्वकप 2024 की ट्राफी कई मायनो में लंबे अरसे तक याद रहेगी।बारबाडोस के मैदान पर भारतीय समयानुसार शनिवार रात रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम ने यह जीत दक्षिण अफ्रीकी शेरों से जबड़े से छीनी थी। सही मायनो में देखा जाये तो इस जीत में टीम के हर सदस्य का समर्पण,एकजुटता,संयम और वर्ल्ड कप जीतने का जुनून शामिल था।
विश्चकप के फाइनल ने हर क्षेत्र में भारतीयों का कड़ा इम्तिहान लिया। पूरी दुनिया ने भारत की बल्लेबाजी की गहराई देखी जब पावर प्ले में अपने तीन विकेट गंवाने वाली भारतीय टीम ने विराट कोहली की अगुवाई में दक्षिण अफ्रीका के लिये 177 रन का लक्ष्य निर्धारित किया। गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण में भी भारत का प्रदर्शन लाजवाब था। एक समय ऐसा भी आया जब हाइनेरिक क्लासेन और डेविड मिलर की जोड़ी को मैच जिताने के लिये सिर्फ पांच के रन औसत से रन जुटाने थे। ऐसे समय में कप्तान रोहित शर्मा ने गेंद हार्दिक पांड्या को थमाई जिन्होने पहले क्लासेन और बाद में मिलर को आउट कर टीम की जीत का मार्ग प्रशस्त कर दिया। यहां भारतीयों की फील्डिंग का मुजाहिरा देखने को मिला जब मिलर के निश्चित छक्के को स्काई यानी सूर्य कुमार यादव ने बेहतरीन कैच में तब्दील कर दिया।
जिस टीम ने टी20 विश्वकप के पूरे सफर में अजेय रहते हुये विश्वकप अपनी झोली में डाला, उसके कोच राहुल द्रविड़ ही थे जिनकी और पूरे कोचिंग स्टाफ की मेहनत रंग लायी। हर मैच के बाद ड्रेसिंग रुम में हर खिलाड़ी की परफार्मेंस का आकलन किया गया और हंसी मजाक के बीच मैडल पहना कर उसकी हौसलाफजाई की गयी,अन्य खिलाड़ियों को और बेहतर प्रदर्शन के लिये प्रेरित किया गया। ड्रेसिंग रूम के माहौल को हल्का और खुशमिजाज रखने की जिम्मेदारी बैटिंग कोच विक्रम राठौर और अन्य की थी।
भारतीय खेमे ने खेल के हर विभाग में कड़ी मेहनत की। बैटिंग और बालिंग के अलावा क्षेत्ररक्षण भी खास ध्यान दिया गया। हर वाइड और नो बॉल पर पैनी निगाह रखी गयी वहीं मिस फील्ड पर भी मुख्य कोच राहुल द्रविड़ की कड़ी नजर रही। मैच की जीत के बावजूद होटल रवाना होने से पहले हर छोटी बड़ी गलती को दूर करने की नसीहत दी गयी।(एजेंसी)