तालिबान ही नहीं, अफगानिस्तान में भी अमेरिका के इस फैसले से आर्थिक संकट गहरा सकता है। जानकारी में कि अफगानिस्तान काफी लंबे समय से विदेशों और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से मिलने वाली वित्तीय मदद से ही चलता आया है। लेकिन अब इस पर लगी रोक से यहां की पूरी अर्थव्यवस्था चौपट हो सकती है।