काबुल धमाकों में 100 से अधिक लोगों की जान जाने के बाद निकासी उड़ानें फिर शुरू

शुक्रवार, 27 अगस्त 2021 (16:54 IST)
काबुल। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद देश से भाग रहे हजारों हताश लोगों को निशाना बनाकर किए गए दो आत्मघाती बम धमाकों और इनमें 100 लोगों की जान जाने के एक दिन बाद राजधानी काबुल में स्थिति के चलते उत्पन्न की एक नई शीघ्रता के कारण निकासी उड़ानें शुक्रवार को फिर से शुरू हो गईं।

ALSO READ: Blasts at Kabul airport : काबुल एयरपोर्ट के हमले के दिल दहलाने वाले VIDEO में दिखा लाशों का ढे‌र, नाले का पानी हुआ लाल
 
अमेरिका का कहना है कि देश के सबसे लंबे युद्ध को समाप्त करने के लिए विदेशी सैनिकों की वापसी की मंगलवार की समय सीमा से पहले और हमले होने की आशंका है। काबुल से प्रस्थान करने वाले विमानों की आवाज़ और गूंजती प्रार्थना के बीच, हवाई अड्डे के बाहर व्याकुल भीड़ है। एक जगह हवाई अड्डे से करीब 500 मीटर की दूरी पर भारी हथियारों के साथ तालिबान के दर्जनों सदस्य किसी को भी आगे बढ़ने से रोक रहे थे।
 
अफगान और अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि अगस्त 2011 के बाद से अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के लिए सबसे घातक दिन में, काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास गुरुवार के बम धमाकों में कम से कम 95 अफगान और 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए। एक अधिकारी ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर शुक्रवार को बताया कि वास्तविक मृतक संख्या ज्यादा हो सकती है, क्योंकि अन्य लोगों ने मौके से शायद शवों को हटा लिया होगा। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि करीब 115 लोग मारे गए हो।

ALSO READ: Kabul Blast : काबुल हमले पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा- हमलावरों को इसकी कीमत चुकानी होगी
 
काबुल के वजीर अकबर खान अस्पताल के बाहर कम से कम 10 शव मैदान पर पड़े हुए थे जहां रिश्तेदारों ने बताया कि मुर्दाघरों ने और शव लेने से मना कर दिया है। अफगानों ने कहा कि मृतकों में से कई के शव लावारिस पड़े हैं क्योंकि परिवार के सदस्य दूरस्थ प्रांतों से आ रहे हैं।
 
गुरुवार रात एक भावुक भाषण में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस्लामिक स्टेट समूह के अफगानिस्तान में संबद्ध संगठन को दोषी ठहराया, जो तालिबान की तुलना में कहीं अधिक कट्टरपंथी है। बाइडन ने कहा कि हम अमेरिकियों को सुरक्षित निकालेंगे, हम अपने अफगान सहयोगियों को बाहर निकालेंगे और हमारा अभियान जारी रहेगा। लेकिन मंगलवार 31 अगस्त की समय-सीमा बढ़ाने के अत्यधिक दबाव के बावजूद उन्होंने अपनी योजना पर कायम रहने के पीछे आतंकवादी हमलों को कारण बताया।

ALSO READ: Kabul Blast : काबुल एयरपोर्ट के बाहर धमाकों में 11 अमेरिकी नौसैनिकों सहित 72 की मौत, 143 घायल
 
अमेरिकी आक्रमण में बेदखल होने के दो दशक बाद अफगानिस्तान को फिर से नियंत्रण में लेने वाले तालिबान ने समय सीमा कायम रखने पर जोर दिया। फरवरी 2020 में ट्रंप प्रशासन ने तालिबान के साथ एक समझौता किया जिसमें मई तक सभी अमेरिकी सैनिकों और अनुबंधकर्ताओं को हटाने के बदले में अमेरिकियों पर हमलों को रोकने के लिए कहा गया था। बाइडन ने अप्रैल में घोषणा की कि वह उन्हें सितंबर तक हटा लेंगे।
 
अमेरिका ने जहां गुरुवार को कहा कि काबुल से 1,00,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला है, वहीं 1,000 अमेरिकी और हजारों अफगान इतिहास के सबसे बड़े हवाई अभियान में से एक में खुद को बाहर निकाले जाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। निकासी अभियान की निगरानी कर रही अमेरिकी केंद्रीय कमान के प्रमुख जनरल फ्रैंक मैकेन्जी ने गुरुवार को कहा था कि करीब 5,000 लोग हवाई अड्डे पर विमानों का इंतजार कर रहे हैं और वहां पहुंचने वालों की संख्या और बढ़ रही है।

ALSO READ: काबुल एयरपोर्ट पर महंगाई की मार, 1 प्लेट चावल 7500 रुपए में, भूख से तड़प रहे हैं लोग
 
कई लोगों ने माना कि हवाई अड्डा जाना जोखिम भरा है लेकिन कहा कि उनके पास विकल्प बहुत सीमित हैं। हवाईअड्डे से अफरा-तफरी, हताशा और खौफ के दृश्यों ने दुनिया को स्तब्ध कर दिया है। गंदे नालों में घुटने तक भरे पानी में खड़े लोगों की तस्वीरें और दस्तावेज थामे परिवारों और यहां तक ​​कि छोटे बच्चों को बारीक कांटेदार तारों तक अमेरिकी सैनिकों के पीछे जाते देखना, देश में अमेरिकी उपस्थिति के अंतिम दिनों की अव्यवस्था और अपने भविष्य के लिए अफगानों के डर, दोनों का प्रतीक है।(भाषा)

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी