2. फुलेरा : फूल-पत्तियों, जड़ी-बूटियों और बांस से झुले जैसा दो फुलहरा बनाते हैं जो माता पार्वती और शिवजी को अर्पित किए जाते हैं। पहले में पत्तियां होती हैं- शिव, पार्वती और गणेशजी को बिल्वपत्र, जातीपत्र, सेवंतिका, बांस, देवदार पत्र, चंपा, कनेर, अगस्त्य, भृंगराज, धतूरा, आम पत्ते, नीम, अशोक पत्ते, पानपत्ते, केले के पत्ते और शमी पत्ते अर्पित किए जाते हैं। दूसरे में जड़ी बूटियां होती हैं- चिलबिनिया, नवकंचनी, नवबेलपत्र, सागौर के फूल, हनुमंत सिंदूरी, शिल भिटई, शिवताई, वनस्तोगी। हिमरितुली, लज्जाती, बिजिरिया, धतूरे का फूल, धतूरा, मदार, त्तिलपत्ती। बिंजोरी, निगरी, रांग पुष्प, देवअंतु, चरबेर, झानरपत्ती, मौसत पुष्प, सात प्रकार की समी।
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