Shardiya navratri 2025: नवरात्रि में अखंड ज्योति (अखंड दीपक) जलाना हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। यह मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने, नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और घर में सुख, शांति और समृद्धि लाने का एक प्रभावी साधन है। चूंकि 21 सितंबर 2025 को सर्वपितृ अमावस्या और सूर्य ग्रहण का संयोग है, इसके अगले दिन (22 सितंबर) से शुरू होने वाली नवरात्रि विशेष रूप से शक्तिशाली होगी। अखंड ज्योति जलाने से पितृ दोष और ग्रहण के प्रभाव से मुक्ति मिलेगी, और मां दुर्गा की कृपा से जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे। यह समय अखंड ज्योति जलाने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। नीचे इसके फायदे और नियम विस्तार से दिए गए हैं।
अखंड ज्योति जलाने के फायदे
1. माता दुर्गा की कृपा प्राप्ति: अखंड ज्योति मां दुर्गा की निरंतर उपस्थिति का प्रतीक है। इसे जलाने से मां की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाती है। यह भक्तों की भक्ति को मां तक पहुंचाने का माध्यम माना जाता है।
2. नकारात्मक ऊर्जा का नाश: दीपक की ज्योति अंधकार (अज्ञानता) और नकारात्मक शक्तियों को दूर करती है। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। वास्तु दोष और पितृ दोष को कम करने में भी सहायक है, विशेषकर सर्वपितृ अमावस्या (21 सितंबर 2025) के ठीक बाद शुरू होने वाली नवरात्रि में।
3. सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य: अखंड ज्योति जलाने से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है। यह परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य और मानसिक शांति को बढ़ावा देता है। व्यापार में उन्नति और आर्थिक स्थिरता के लिए भी लाभकारी है।
4. आध्यात्मिक उन्नति: नौ दिनों तक अखंड ज्योति जलाने से भक्त का मन एकाग्र होता है, जिससे ध्यान, मंत्र जाप और साधना में सफलता मिलती है। यह कुंडलिनी जागरण और आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाने में सहायक है।
5. पापों का नाश और पुण्य प्राप्ति: शास्त्रों के अनुसार, अखंड ज्योति जलाना पुण्य कार्य है, जो पूर्वजन्मों के पापों को कम करता है और मोक्ष के मार्ग को प्रशस्त करता है।
अखंड ज्योति जलाने के नियम
अखंड ज्योति जलाना एक पवित्र कर्म है, जिसमें कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य है ताकि इसका पूर्ण लाभ मिले और मां दुर्गा प्रसन्न हों।
1. तैयारी के नियम:
बड़ा दीपक: इसके लिए सबसे पहले मिट्टी या पीतल का एक बड़ा दीपक खरीदे जो कहीं से भी खंडित न हो, मजबूत हो।
सही स्थान: दीपक को पूजा स्थल पर पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में स्थापित करें। यह वास्तु के अनुसार शुभ है।
स्वच्छता: पूजा स्थल को गंगाजल और गोमूत्र से शुद्ध करें। घर में साफ-सफाई रखें।
दीपक का चयन: मिट्टी, पीतल या चांदी का दीपक शुभ माना जाता है। दीपक बड़ा और स्थिर होना चाहिए ताकि नौ दिन तक जल सके।
सामग्री: शुद्ध देसी घी या तिल का तेल, मोटी बत्ती (रुई की), माचिस, कपूर, और मां दुर्गा की मूर्ति/चित्र।
2. अखंड ज्योति प्रज्वलन के नियम:
शुभ मुहूर्त: नवरात्रि के प्रथम दिन (22 सितंबर 2025) को घटस्थापना के समय दीपक प्रज्वलित करें। पंचांग के अनुसार, सुबह 6:14 AM से 7:22 AM तक का समय शुभ रहेगा (स्थानीय पंचांग से पुष्टि करें)।
संकल्प: दीपक जलाने से पहले संकल्प लें। उदाहरण: "मैं मां दुर्गा की कृपा और परिवार की सुख-शांति के लिए नवरात्रि के नौ दिन अखंड ज्योति जलाने का संकल्प लेता/लेती हूं।"
बत्ती और तेल/घी: दीपक में पर्याप्त मात्रा में घी या तेल डालें। बत्ती को इस तरह रखें कि वह लंबे समय तक जलती रहे। बत्ती का मुख पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए।
प्रज्वलन: मां दुर्गा का ध्यान करते हुए "ॐ ज्योतिरूपायै नमः" या "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे" मंत्र जपते हुए दीपक जलाएं।