4. सिंजारा या सिंधारा वह होता है जिसमें साड़ी, मेहंदी, लाख की चूड़ियां, लहरिया, अन्य श्रृंगार का सामन, मठरी, पंजीरी, मिठाई और विशेषकर घेवर शामिल होता है।
7. इस दौरान मां पार्वती के विभिन्न लोकगीत गाए जाते हैं।
8. इस दिन अच्छे अच्छे पकवान बनाकर खाए जाते हैं और दूरे दिन व्रत किया जाता है।
9. शादी के बाद बहू के मायके से सिंधारा रक्षा बंधन पर भी भेजने का प्रचलन है।
10. यह पर्व अच्छे दांपत्य जीवन, धन, सुख-समृद्धि और दीर्घायु जीवन के लिए मनाया जाता है।