'आपकी आवाज वे भी बहुत जल्दी सुनेंगे जिन्होंने इन इमारतों का यह हाल किया है।' 'यह लड़ाई शुरू तो उन्होंने अपनी इच्छा पर और समय पर की है, लेकिन इसका खात्मा हमारी इच्छा और हमारे समय पर होगा।' ये उद्गार थे राष्ट्रपति बुश के, पहले वॉशिंगटन में एक प्रार्थना सभा में और दूसरे न्यूयॉर्क में राहतकर्मियों के बीच वर्ल्ड ट्रेड के सेंटर के मलबे के सामने।
यह बिल्कुल साफ है कि अमेरिका किसी बड़ी कूच की तैयारी कर रहा है, लेकिन इस युद्ध में शत्रु कहाँ है, कौन है और विजय कब मिलेगी ये सभी सवाल हर व्यक्ति के सामने खड़े हैं। लेकिन यहाँ के सारे टीवी चैनल, मीडिया और प्रशासन के नेतृत्व ने इसका नाम सिर्फ युद्ध या 'अमेरिका पर आक्रमण' करार दिया है और जिस तरह से अमेरिका सारे राष्ट्रों से बात कर रहा है हमले की घड़ियाँ ज्यादा दूर नहीं लगती हैं।
कब क्या होगा, देखते जाइए, लेकिन आज से उपराष्ट्रपति डिक चैनी व्हाइट हाउस से दूर किसी सुरक्षित स्थान पर चले गए हैं।
आज ये भी ज्ञात हुआ है कि उस दिन अमेरिका एयर फोर्स के दो विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की तरफ जा रहे विमानों के पीछे गए थे, लेकिन वे कुछ देर से पहुँचे। ठीक उसी तरह दो विमान पेंटागन वाले विमान के पीछे भी गए थे, लेकिन वे भी कुछ मिनट बाद ही पहुँचे। यहाँ के कानून में राष्ट्र सुरक्षा हेतु किसी नागरिक विमान को ही गिरा देने के आदेश देने का अधिकार राष्ट्रपति को है। अमेरिकन और विशेषकर न्यूयॉर्क समान्य जीवन तक लौटने के लिए प्रयासरत है, लेकिन वक्त लगेगा।
और एक ओर जहाँ अगले एक-दो महीने बाद सेवानिवृत्त होने वाले न्यूयॉर्क के मेयर ने पिछले चार दिनों में सारे न्यूयॉर्कवासियों का दिल अपनी लगन, अथक प्रयास, मानवीयता और धैर्य से जीत लिया है, वहीं बुश के नेतृत्व पर बहुत बड़ा प्रश्नचिह्न लगा है। यही बुश, जिन्होंने एक सितम्बर तक अपने कार्यकाल का 42 प्रतिशत समय छुट्टियों में बिताया था, अब उनके नेतृत्व की अग्नि परीक्षा है। उनके पास कई मजे हुए लोग जैसे चैनी, पॉवेल, रम्सफील्ड और अपने पिता की सलाह और अनुभव का भंडार मौजूद है, लेकिन पूरे अमेरिका की निगरानी अब अपने मान और शान को बरकरार रखने के लिए बुश पर टिकी है।
प्रथम विश्व युद्ध के बाद पहली बार चार दिन बंद रहे स्टॉक मार्केट और वालस्ट्रीट सोमवार को खुलेंगे और उम्मीद है कि ग्रीनस्पेन मार्केट अर्थ व्यवस्था की राहत हेतु कुछ ब्याज दरों में कटौती की भी घोषणा करेंगे। पहले से ही चरमराई अर्थव्यवस्था में ये सब घटनाक्रम बड़ा महत्वपूर्ण प्रभाव छोड़ेंगे। एयरलाइंस भी आज से उड़ान भरने लगे हैं, लेकिन उन्हें भी सामान्य होने में एक सप्ताह लगेगा।
इस दौरान उड़ान उद्योग को कई अरब डॉलर का नुकसान हो गया है। मैनहटन के डाउनटाउन इलाके में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के इर्द-गिर्द 2.70 करोड़ स्क्वायर फीट (लगभग 600 एकड़) की ऑफिस जगह समाप्त हो गई है और इतनी जगह एक साथ मिलना मुश्किल है। इनमे से तो कुछ कंपनियों को 50 हजार फीट के बड़े हॉल चाहिए। कुछ कंपनियों ने तो नदी के पार न्यूजर्सी में किराये की जगह के सौदे भी कर लिए हैं। यहाँ आज के अखबारों में छपे अधिकांश विज्ञापन सिर्फ शोक और संवेदना के थे। एक विज्ञापन न्यूजर्सी में खाली पड़े एक ऑफिस की जगह का भी था।
ऐसा अनुमान है कि बीमा के क्लेम लगभग 30 बिलियन डॉलर के आएँगे। कुछ दिनों पहले तक न्यूयॉर्क में बिजली की भारी कमी हो रही थी। तीन दिनों में ही परिस्थिति पटल गई है। न्यूयॉर्क शहर की पूरी बिजली खपत में से लगभग 5 प्रतिशत खपत उस इलाके की थी जो नक्शे पर से गायब हो गया। एक ओर जहाँ वायुसेवाओं पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है, वहीं रेल और बस यात्रा बहुत बढ़ने की संभावना है। मंगलवार से निजी और सार्वजनिक विमान सेवा बंद होने के कारण कई लोग तो बड़े अनूठे ढंग से अपने गंतव्य तक पहुँचे हैं।
शिकागो से 4 लोगों ने टैक्सी वाले को तीन हजार डॉलर दिए और वह उन्हें 30 घंटे के सफर के बाद लॉस एंजिल्स छोड़ कर आया। लॉसवेगास में फँसे दो व्यवसायियों ने तो वहीं गाड़ियाँ खरीदीं और उन्हें चलाकर साउथ केरोलिना में अपने घर पहुँचे। अमेजन डॉट कॉम के चेयरमैन ज्यॉफ बीजोस अपने साथियों के साथ मंगलवार की सुबह ट्रैफिक में फँसे थे। उन पाँच लोगों ने हर्ट्ज से एक माजदा वैन किराए पर ली, बाजार से कुछ कपड़े और खाने-पीने का सामान खरीदा और चल पड़े पश्चिम में सिएटल की ओर सिर्फ 1600 मील दूर। इस दौरान हम सबको ठंडे दिमाग से सोचने का भी अच्छा अवसर मिल गया।
यही नहीं होम डिपो के चेयरमैन बॉब नारडेली ने नवरस्का से अटलांटा की ऐसी ही सड़क के लंबे सफर में अपनी कंपनी की ई-मेल भी भेजी। सहकर्मियों के नाम फोन पर संदेश रखे और अपनी कंपनी के राहत कार्यों की भी विवेचना की। सब कुछ सड़क के सफर में, आधुनिक उपकरणों की सहायता से।
यही आधुनिक उपकरण 'सेलफोन' थे, जिन्होंने उन चार प्लेन के कई यात्रियों को अपने निकट जनों से आखिरी समय तक बात करने का अवसर दिया और उसी तकनीक ने इंसानों को हैवान बना कर प्लेन से इमारत को ध्वस्त करने की भी...। (15 सितंबर 2001वेबदुनिया)