अशआर मेरे यूँ तो ज़माने के लिए हैं,

अशआर मेरे यूँ तो ज़माने के लिए हैं,
कुछ शे'र फ़क़त उनको सुनाने के लिए हैं - जांनिसार अख़्तर

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