शराबें जो शराबों में मिलें

ग़मे-दुनिया भी ग़मे-यार में शामिल कर लो,
नश्शा बढ़ता है शराबें जो शराबों में मिलें - फ़राज़

अहमद फ़राज़ ने अपने इस अशआर में कहा है दुनिया के ग़मों को भी मुहब्बत के ग़म में मिला लो, तो यहाँ के दुख भी आनंद देने लगेंगे।

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