साथ तेरे जो दिन गुज़ारे हैं

साथ तेरे जो दिन गुज़ारे हैं,
वो फ़क़त गुज़रे माहोसाल नहीं,
मेरी तन्हाई के सहारे हैं - अज़ीज़ अंसारी

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