‘बरखा बहार आई... रस की फुहार लाई...’ लेकिन लगातार होने वाली बारिश आम लोगों को कुछ ज्यादा ही परेशान कर देती है। रास्ते में जमा पानी, कीचड़, झमाझम झड़ी घर में कैद कर देती है, लेकिन घुमक्कड़ों को ऐसा नहीं लगता।
आम लोगों को घुमक्कड़ अकसर सलाह देते हैं कि बारिश से बचने की जगह उसका भरपूर आनंद लेना चाहिए। बारिश की हल्की फुहार, जहाँ आपकी सैर में मस्ती का रंग भर देगी, वहीं झमाझम बारिश के बाद धुले पेड़-पौधे हरियाली का निराला मंजर लेकर आपके सामने होते हैं।
इन खुशनुमा पलों को अपनी आँखों में कैद करने के लिए आपको ज्यादा मशक्कत नहीं करनी होगी। ना ही बस, ट्रेन या प्लेन के महँगे टिकिट खरीदने होंगे। ना ही किसी तरह का लंबा सफर करना होगा... शिमला, मसूरी, नैनीताल के खूबसूरत नजारे आपको आपके आस-पास ही नजर आ जाएँगें।
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इन नजारों को देखने के लिए आप अपने शहर से थोड़ा ही आगे बढ़े और पहुँच जाएँ किसी गाँव। जहाँ इंद्रदेव ने अभी-अभी अपने मेघ बरसाएँ हों। गाँव का सुहाना मौसम, पेड़ों की सुहानी छाँव और हर जगह फैली हरियाली वीकेंड पर आपको आगे के दिनों के लिए पूरी तरह से तरोताजा कर देगी। और यदि ज्यादा लुत्फ चाहते हैं तो बारिश को हर नजर से देखिए...खोजिए कहीं कोई बरसाती झरना फिर से बहने तो नहीं लगा... तालाब में कमल खिलने तो नहीं लगे.... बारिश के पानी से भरे डबरे में पंछियों को खेलते देखिए...यह सारे नजारे आपको दूसरी दुनिया में ले जाएँगे।
इन नजारों के रसास्वादन के साथ-साथ गर्मागर्म चाय, भजिए और भुट्टे इन पलों को और भी खुशनुमा बना देगें। बादलों से लुका-छिपी करता सूरज तो कहीं इंद्रधनुष की सुहानी छटा... ये सारे सुख कहीं दूर नहीं बस आपके ही आस-पास बिखरें हैं तो फिर तैयार हैं अपने आस-पास ही कुछ नया खोजने के लिए…