शिवजी आज सौंपेंगे भगवान विष्णु को पृथ्वी का भार, होगा हरिहर मिलन, उज्जैन में निकाली जाएगी बाबा महाकाल की सवारी
महाकाल पालकी मार्ग: सवारी निकलने के दौरान पूरे रास्ते पर श्रद्धालु भगवान का स्वागत करने के लिए जोरदार आतिशबाजी करते हैं। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि परंपरा अनुसार महाकाल मंदिर के सभामंडप से रात 11 बजे श्री महाकालेश्वर भगवान की पालकी धूम-धाम से निकाली जाएगी। यह पालकी गुदरी चौराहा, पटनी बाजार से होते हुए गोपाल मंदिर पहुंचेगी। जहां पूजन के दौरान बाबा श्री महाकालेश्वर जी बिल्व पत्र की माला गोपाल जी को भेट करेंगे। बैकुंठनाथ अर्थात श्री हरि तुलसी की माला बाबा श्री महाकाल को भेट करेंगे। पूजन उपरांत श्री महाकालेश्वर जी की सवारी पुन: इसी मार्ग से श्री महाकाल मंदिर वापस लौट आएगी।
शिवजी का करें अभिषेक : इस दौरान भगवान शिवजी के शिवलिंग पर जलाभिषेक, पंचामृत अभिषेक या रुद्राभिषेक करें। इस दौरान शिवलिंग की पूजा के साथ ही मां पार्वती का पूजन करें। सफेद पुष्प, सफेद चंदन, अक्षत, पंचामृत, सुपारी, फल, गंगाजल/ पानी से भगवान शिव-पार्वती का पूजन करें तथा पूजन के समय 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप निरंतर करते रहे। इन दिनों शिव जी के मंत्र, चालीसा, आरती, स्तुति, कथा आदि अधिक से अधिक पढ़ें अथवा सुनें। गरीबों को भोजन कराएं, सामर्थ्यनुसार दान करें। व्रत के दौरान फल का प्रयोग कर सकते हैं।
दीपदान, ध्वजादान और पुण्य कर्म : इस दिन भगवान को दीपदान और ध्वजादान की भी करना चाहिए। इस दिन में गौओं को घास खिलानी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों का किसी भी अन्य दिनों की अपेक्षा में किए गए पूजा-पाठ से 10 गुना अधिक फल मिलता है।