नई दिल्ली। मोदी सरकार ने सांसदों के वेतन एवं भत्ते संसद द्वारा बढ़ाए जाने को लेकर होने वाली आलोचनाओं से बचने के लिए एक अप्रैल से नई व्यवस्था शुरू करने की घोषणा की है। नई व्यवस्था के तहत सांसदों को मिलने वाले वेतन, कार्यालय खर्च एवं विभिन्न प्रकार के भत्तों में पांच साल पर स्वत: संशोधन होगा, जो महंगाई सूचकांक पर आधारित होगा।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज अपने बजट भाषण में कहा कि सांसदों के वेतन और भत्ते आदि में संशोधन की मौजूदा पद्धति के तहत सांसद खुद ही इसका निर्धारण करते हैं। ऐसा करने की वजह से सांसदों को आलोचनाओं का शिकार बनना पड़ता है, इसलिए मोदी सरकार एक अप्रैल से नई व्यवस्था शुरू कर रही है।