नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने अगले वित्त वर्ष के दौरान कम से कम तीन दर्जन सरकारी कंपनियों में रणनीतिक विनिवेश करने का लक्ष्य रखा है। सरकार अपनी हिस्सेदारियों की संख्या बढ़ा भी सकती है। सरकार ने लगभग 36 कंपनियां चुन ली हैं, जिनमें वह विनिवेश करेगी।
एक सरकारी सूत्र का कहना है कि लगभग 10 कंपनियों के लिए ट्रांजैक्शन और लीगल एडवाइजर नियुक्त किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया, 'प्रक्रिया चल रही है। कुछ कंपनियों के लिए अभिरुचि पत्र (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) आमंत्रित किए गए हैं। उम्मीद है कि अगले वित्त वर्ष में इनमें से काफी सौदे हो जाएंगे।'
अधिकतर कंपनियों का चयन नीति आयोग ने किया है और जिन कंपनियों में देश का हिस्सा बेचने की तैयारी है, उनमें ड्रेजिंग कॉर्प, पवन हंस, एचएलएल लाइफकेयर, सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और स्कूटर्स इंडिया प्रमुख हैं। सरकारी कंस्ट्रक्शन कंपनी एनबीसीसी लिमिटेड भी इंजीनियरिंग प्रॉजेक्ट्स (इंडिया) लिमिटेड सहित तीन सरकारी कंपनियों का अधिग्रहण करने के बारे में सोच रही है।
सरकार ने छह कंपनियों के इनीशियल पब्लिक ऑफर (आईपीओ) लाने की योजना भी बनाई है। इनमें रेल विकास निगम लिमिटेड सरीखी रेलवे कंपनियां भी शामिल हैं। अधिकारी ने बताया, 'इनमें से कुछ के आईपीओ अगले वित्त वर्ष में लाए जा सकते हैं। अभी कोई जल्दबाजी नहीं है। मार्केट की स्थिति के आधार पर हम निर्णय करेंगे।' अधिकतर कंपनियों के लिए प्राइवेट और सरकारी क्षेत्र की कंपनियों की ओर से जोरदार ढंग से बोली लगने की उम्मीद है।