इस बैठक में दोनों केंद्रीय वित्त राज्यमंत्रियों के साथ ही हिमाचल प्रदेश और पुड्डुचेरी के मुख्यमंत्री, बिहार, दिल्ली, गुजरात, मणिपुर और तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री और 14 राज्यों के वित्तमंत्री या उनके प्रतिनिधि तथा वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने वित्तीय नीति और बजटीय उपायों पर कई सुझाव दिए जिसको बजट में समाहित करने पर केंद्र सरकार विचार कर सकती है। जेटली ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सुझावों और सौंपे गए ज्ञापनों का अध्ययन कर सहकारी संघवाद के मूलमंत्र के आधार पर वर्ष 2018-19 के बजट प्रस्तावों में उन्हें शामिल करने पर विचार किया जाएगा। (वार्ता)