भोपाल। लोकसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल माने गए विधानसभा में कांग्रेस ने जिस कर्जमाफी के ट्रंप कार्ड के जरिए बीजेपी से सत्ता छीनी थी, लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने कांग्रेस के इस ट्रंप कार्ड की काट के लिए किसान कैश कार्ड खेला है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार के अंतिम बजट में देश के 12 करोड़ से अधिक किसानों को हर महीने 500 रुपए नकद देने की योजना लाई गई है।
किसानों के खाते में सीधे जाने वाली इस राशि में सरकार हर साल प्रत्येक किसान को 6000 रुपए कैश देगी। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार के लोकलुभावन बजट में किसानों को बड़ी सौगात देते हुए वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने ऐलान किया कि किसानों के खाते में छह हजार रुपए हर साल दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के नाम से दिसंबर 2018 से शुरू होने जा रही इस योजना के तहत मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले प्रत्येक किसान को पहली किश्त के रूप में दो हजार रुपए देने का प्लान तैयार किया है।
सरकार के इस प्लान के तहत के 31 मार्च तक हर किसान के खाते में पैसा पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को साल में दो- दो हजार रुपए तिमाही के तौर पर दिए जाएंगे। देश के दो हेक्टेयर से कम जोत वाले करीब बारह करोड़ किसानों को प्रधान किसान सम्मान निधि का फायदा मिलेगा। इसके साथ ही किसानों को बड़ी सौगात देते हुए मोदी सरकार ने किसान केडिट स्कीम के तहत उन्हें दो प्रतिशत छूट देने का भी ऐलान किया है।
मोदी सरकार की किसानों को दी जाने वाली इस बड़ी सौगात को कांग्रेस के कर्जमाफी की काट के रूप में देखा जा रहा है, माना जा रहा है कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव में किसानों की कर्जमाफी को बड़ा मुद्दा बनाते हुए लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणा पत्र में देशभर के किसानों के लिए कर्जमाफी का दांव चल सकती है।
आठ फरवरी को भोपाल में होने वाली किसान आभार सभा में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी किसानों के लिए बड़ा ऐलान कर सकते हैं, वहीं अब मोदी सरकार के इस बड़े ऐलान के बाद मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में कांग्रेस के सामने अपने कर्जमाफी के वादे को धरातल पर लाना बड़ी चुनौती होगा।