बजट में दिखेगा मोदी मैजिक, इन 8 क्षेत्रों पर पड़ सकता है असर...

नृपेंद्र गुप्ता
नई दिल्ली। मोदी सरकार 1 फरवरी को अपना आखिरी बजट पेश करने जा रही है। लोगों को सरकार से इस बार काफी उम्मीदें हैं लेकिन परंपरानुसार लोकसभा चुनाव से पहले आम बजट की जगह अंतरिम बजट पेश किया जाता है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बजट में मोदी मैजिक देखने को ‍मिल सकता है। मोदी सरकार अपने पहले कार्यकाल के आखिरी बजट में इन क्षेत्रों को सौगात दे सकती हैं...
 
किसान : मोदी सरकार बजट में किसानों को खुश करने के लिए कोई बड़ा ऐलान कर सकती है। सरकार इस बजट में किसानों के खातों में सीधे फंड हस्तांतरण की स्कीम को हरी झंडी दे सकती है। किसानों को ब्याजमुक्त ऋण की योजना का ऐलान भी किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि 2009 में पेश किए गए अंतरिम बजट में कांग्रेस सरकार ने किसानों के लिए कई बड़े ऐलान किए थे। 
 
रक्षा क्षेत्र : मोदी सरकार इस बजट में भी रक्षा क्षेत्र के लिए बड़ी घोषणाएं कर सकती है। सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 में रक्षा बजट के लिए 2.95 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए थे जो पिछले साल के 2.74 लाख करोड़ रुपए की तुलना में 7.81 फीसदी ज्यादा है। अंतरिम बजट में भी रक्षा क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। 
 
आयकर : भले ही पिछले अंतरिम बजटों में लोगों को डायरेक्ट टैक्स में किसी प्रकार की कोई छूट नहीं मिली हो लेकिन मोदी सरकार इस बार परंपरा को तोड़कर लोगों को आयकर में छूट दे सकती है। लोगों को इस मामले में मोदीजी से बड़ी उम्मीदें हैं। कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल आयकर छूट की सीमा दोगुनी कर सकते हैं। वेतनभोगी वर्ग के लिए इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया जा सकता है। अभी यह 2.5 लाख रुपए है। यही नहीं, मेडिकल खर्च और ट्रांसपोर्ट अलाउंस को फिर से टैक्स के दायरे से बाहर किया जा सकता है।
 
सरकारी बीमा कंपनियां : सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों में आगामी बजट में 4,000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की जा सकती है। इन कंपनियों की माली हालत बेहतर करने के लिए सरकार उनमें यह पूंजी डाल सकती है। अधिकतर साधारण बीमा कंपनियों के लाभ कमाने की स्थिति बेहतर नहीं है। इसकी अहम वजह प्रीमियम से आय के मुकाबले ज्यादा दावे पेश किए जाने से होने वाले नुकसान का दबाव है। 
 
कारोबारियों को इस तरह मिल सकता है फायदा : बजट में सरकार कारोबारियों को बीमा स्कीम का तोहफा दे सकती है। साथ ही कुछ प्रोडक्ट्स पर कस्टम ड्यूटी में भी बदलाव हो सकता है। उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स एवं उपकरण विनिर्माता संगठन (सीईएएमए) ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए आयातित तैयार वस्तुओं पर सीमा शुल्क बढ़ाने तथा कलपुर्जों पर शुल्क कम करने की मांग की। संगठन ने टेलीविजन, ऐसी, रेफ्रिजरेटर और वाशिंग मशीन जैसी तैयार वस्तुओं के आयात पर मूल सीमा शुल्क बढ़ाने का सुझाव दिया। 
 
महिलाओं को है यह उम्मीद : सरकार बजट में मैटरनिटी लीव के दौरान मिलने वाली सैलरी को टैक्स फ्री करने का ऐलान कर सकती है। इसके बाद मैटरनिटी लीव पर महिलाओं को 6 महीने की सैलरी पर टैक्स नहीं देना होगा।
 
यूनिवर्सल बेसिक इनकम (UBI) का ऐलान : 1 फरवरी में पेश किए जाने वाले अंतरिम बजट में मोदी सरकार यूनिवर्सल बेसिक इनकम स्कीम का ऐलान कर सकती है। पूर्व वित्तीय सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने 2016-17 के आर्थिक सर्वे में इस योजना की सिफारिश की थी।
 
बढ़ सकता है सरकारी योजनाओं का दायरा : 2004 में तत्कालीन वित्त मंत्री जसवंत सिंह ने किसान क्रेडिट कार्ड के साथ ही चाय और चीनी उद्योग के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की थी। उन्होंने हवाई अड्डों पर फ्री बैगेज अलाउंस बढ़ा कर उन पर कस्टम ड्यूटी कम कर दी थी। इसी तर्ज पर मोदी सरकार भी रेलवे, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में कोई बड़ा ऐलान कर सकती है।  

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