नई दिल्ली। मोदी सरकार को बजट से ठीक पहले उस समय बड़ी राहत मिली, जब अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी नहीं सुस्ती के दौर से गुजर रही है। अर्थव्यवस्था में आज जो कुछ भी दिख रहा है उसे आर्थिक मंदी नहीं कहा जा सकता।
आईएमएफ ने आगे कहा कि भारत आर्थिक सुधारों के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है, लेकिन इसके परिणाम दीर्घकालिक होंगे। हालांकि मोदी सरकार कुछ ऐसे कदम भी उठा रही है, जिसका तात्कालिक रिजल्ट मिले।
भारतीय अर्थव्यवस्था ने वास्तव में 2019 में अचानक मंदी का अनुभव किया है। हमें अपने विकास अनुमानों को संशोधित करना पड़ा, जो पिछले वर्ष के लिए 4 प्रतिशत से नीचे था। जॉर्जीवा ने शुक्रवार को बताया कि हम 2020 में 5.8 प्रतिशत (विकास दर) और फिर 2021 में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। गौरतलब है कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में पेश कर रही हैं।