नई दिल्ली। भारत के घरेलू दवा उद्योग ने कोविड महामारी के बाद भी अपनी वृद्धि रफ्तार को कायम रखा है और इसका बाजार वर्ष 2030 तक 130 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। मंगलवार को संसद में पेश आर्थिक समीक्षा 2022-23 में यह संभावना जताई गई। भारत औषधियों के उत्पादन में आकार के हिसाब से दुनिया में तीसरे स्थान पर है जबकि कीमत के हिसाब से 14वें स्थान पर है।