नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष के पहले 8 महीनों में नवंबर 2022 तक सकल कर राजस्व बजट अनुमान का 65 प्रतिशत या 17.81 लाख करोड़ रुपए रहा है। मंगलवार को संसद में पेश की गई आर्थिक समीक्षा 2022-23 में यह जानकारी दी गई। समीक्षा के मुताबिक कर संग्रह बढ़ाने में कॉरपोरेट और व्यक्तिगत आयकर संग्रह का विशेष योगदान रहा।
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन द्वारा तैयार की गई समीक्षा में कहा गया है कि 2014 के बाद भारत के कराधान पारिस्थितिकी तंत्र में पर्याप्त सुधार हुआ है और अर्थव्यवस्था से प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले प्रोत्साहनों को हटा दिया है।
जीएसटी जैसे सुधारों, कॉरपोरेट कर में कमी, सरकारी संपत्ति कोषों तथा पेंशन कोषों को कर छूट और लाभांश वितरण कर को हटाने से व्यक्तियों और व्यवसायों पर कर का बोझ कम हुआ है। मोटे तौर पर सकल कर राजस्व में आधा हिस्सा रखने वाले प्रत्यक्ष कर संग्रह में अप्रैल से नवंबर 2022 तक 26 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई।
समीक्षा में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के पहले 8 महीनों के दौरान प्रमुख प्रत्यक्ष करों में हुई वृद्धि, उनके दीर्घावधि औसत से काफी अधिक थी। सरकार का सकल कर राजस्व संग्रह अप्रैल-नवंबर, 2022 के दौरान 17.81 लाख करोड़ रुपए या पूरे साल के लक्ष्य 27.58 लाख करोड़ रुपए का 64.6 प्रतिशत रहा।
इसमें प्रत्यक्ष कर संग्रह की हिस्सेदारी 8.67 लाख करोड़ रुपए और अप्रत्यक्ष कर संग्रह की हिस्सेदारी 8.91 लाख करोड़ रुपए है। नवंबर 2022 तक केंद्र का माल एवं सेवाकर (जीएसटी) संग्रह 5.57 लाख करोड़ रुपए था। यह 7.80 लाख करोड़ रुपए के पूरे वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 71.5 प्रतिशत है।(भाषा)