congress on budget 2024 : कांग्रेस ने केंद्रीय बजट पेश होने के बाद केंद्र सरकार पर कॉपी-पेस्ट सरकार होने का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा कि उसे मुख्य विपक्षी दल का धन्यवाद करना चाहिए क्योंकि उसने जिस इंटर्नशिप योजना की घोषणा की है वह इस लोकसभा चुनाव के विपक्षी पार्टी के घोषणापत्र में किए गए प्रशिक्षुता के अधिकार के वादे पर आधारित है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि यह बजट कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र और पिछले कुछ बजट की नकल है।उन्होंने सहयोगियों को खुश करने के लिए अन्य राज्यों की कीमत पर उनसे खोखले वादे किए गए। अपने मित्रों को खुश किया गया, एए को लाभ दिया गया, लेकिन आम भारतीय को कोई राहत नहीं दी गई। उन्होंने दावा किया कि ये कुर्सी बचाओं बजट है।
“Kursi Bachao” Budget.
- Appease Allies: Hollow promises to them at the cost of other states.
- Appease Cronies: Benefits to AA with no relief for the common Indian.
- Copy and Paste: Congress manifesto and previous budgets.
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि सीतारमण का बजट भाषण दिखावे पर ज्यादा केंद्रित रहा है तथा केंद्र सरकार ने 10 साल तक इनकार करने के बाद स्वीकार किया है कि बेरोजगारी राष्ट्रीय संकट है जिस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने केंद्रीय बजट-2024-25 में प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना की घोषणा की है जिसके तहत युवाओं को इंटर्नशिप के साथ 5,000 रुपए का मासिक भत्ता मिलेगा।
कांग्रेस ने हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के लिए जारी अपने घोषणापत्र (न्याय पत्र) में प्रशिक्षुता के अधिकार का वादा किया था जिसके तहत उसने डिप्लोमा एवं डिग्रीधारक बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण के साथ एक साल तक हर महीने 8500 रुपये देने का वादा किया था। कांग्रेस ने इस कार्यक्रम को पहली नौकरी पक्की नाम भी दिया था।
वित्त मंत्री ने कांग्रेस के न्याय पत्र 2024 से सीख ली है। उनका इंटर्नशिप कार्यक्रम स्पष्ट रूप से कांग्रेस के प्रस्तावित प्रशिक्षुता कार्यक्रम पर आधारित है, जिसे हमने पहली नौकरी पक्की कहा था।
लेकिन, उन्होंने अपनी ट्रेडमार्क शैली में इसे हेडलाइन बनाने के लिए डिज़ाइन किया है।… pic.twitter.com/38DpG93ifC
रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, 'वित्त मंत्री ने कांग्रेस के न्याय पत्र-2024 से सीख ली है और इसका इंटर्नशिप कार्यक्रम स्पष्ट रूप से कांग्रेस के प्रस्तावित प्रशिक्षुता कार्यक्रम पर आधारित है, जिसे पहली नौकरी पक्की कहा गया था। हालांकि, अपनी चिर-परिचित शैली में योजना को सभी डिप्लोमा धारकों और स्नातकों के लिए गारंटी के बजाय मनमाने लक्ष्य (एक करोड़ इंटर्नशिप) के साथ, सुर्खियां बटोरने के लिए डिजाइन किया गया है।
उन्होंने दावा किया कि 10 साल के इनकार के बाद ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार अंततः चुपचाप स्वीकार करने के लिए आगे आई है कि बड़े पैमाने पर बेरोजगारी एक राष्ट्रीय संकट है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। अब तक बहुत देर हो चुकी है और लगता है कि बजट भाषण कदम उठाने की तुलना में दिखावे पर अधिक केंद्रित है।
उन्होंने यह दावा भी किया कि यह बेहद निराशाजनक है कि डेटा और सांख्यिकी पर वित्त मंत्री की घोषणा में दशकीय जनसंख्या जनगणना के लिए फंड जारी करने का कोई उल्लेख नहीं है। दशकीय जनसंख्या 2021 में होनी थी, लेकिन अब तक नहीं की गई है। आज़ादी के बाद यह पहली बार है कि जनगणना समय पर नहीं हुई है। जनगणना का समय पर न होना राज्य की प्रशासनिक क्षमताओं के सामने एक बड़ी बाधा है।
रमेश ने कहा कि इसके गंभीर दुष्परिणाम हैं। उदाहरण के तौर पर बात करें तो जनगणना नहीं होने से 10-12 करोड़ लोगों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे से बाहर रखा गया है। इसका मतलब यह भी है कि सरकार अपने राजग के सहयोगियों की मांग के बावजूद, सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना से बचती रहेगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें इस बात की खुशी हुई है कि लोकसभा चुनाव के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुख्य विपक्षी दल का घोषणापत्र पढ़ा।
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने एक्स पर पोस्ट किया कि मुझे यह जानकर खुशी हुई कि माननीय वित्त मंत्री ने चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस का लोकसभा 2024 का घोषणापत्र पढ़ा है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि उन्होंने कांग्रेस घोषणापत्र के पृष्ठ 30 पर उल्लिखित रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन (ELI) को वस्तुतः अपना लिया है।
I am glad to know that the Hon'ble FM has read the Congress Manifesto LS 2024 after the election results
I am happy she has virtually adopted the Employment-linked incentive (ELI) outlined on page 30 of the Congress Manifesto
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने भी एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा, कॉपी-पेस्ट सरकार। 2024-25 के बजट में कांग्रेस की घोषणा पत्र का असर। निर्मला सीतारमण को कांग्रेस के न्याय पत्र 2024 का सहारा लेना पड़ा। कांग्रेस के 5 न्याय में सबसे पहला युवा न्याय। पहली नौकरी पक्की: युवा न्याय के तहत हर डिग्री/ डिप्लोमा धारक को एक लाख रुपए मानदेय देने का वादा किया गया था।
उन्होंने कहा कि बजट 2024-25 में सिर्फ एक करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप का प्रावधान, इंटर्नशिप के दौरान साठ हजार रुपए का प्रावधान। हालांकि, मोदी सरकार को इस विचार के लिए कांग्रेस को धन्यवाद देना चाहिए।