वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले महीने संसद में 2024-25 का पूर्ण बजट पेश कर सकती हैं। फिलहाल बैंकों को तब कर काटना पड़ता है जब सभी बैंक शाखाओं में जमा राशि से ब्याज आय एक वर्ष में 40,000 रुपए से अधिक हो। बचत खातों के मामले में 10,000 रुपए तक अर्जित ब्याज कर से मुक्त है।
खारा ने कहा, अगर बजट में ब्याज आय पर कर के मामले में कुछ राहत दी जा सके तो यह जमाकर्ताओं के लिए एक प्रोत्साहन होगा। आखिरकार बैंकिंग क्षेत्र देश में पूंजी निर्माण के लिए जुटाई गई जमा का उपयोग करता है। मौजूदा आर्थिक वृद्धि दर को देखते हुए एसबीआई चेयरमैन को वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 14-15 प्रतिशत ऋण वृद्धि की उम्मीद है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour