जैन ने वित्त मंत्री दिए अपने ज्ञापन में कहा कि 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपए के बीच की आय पर 10 प्रतिशत, 10 लाख रुपए से 20 लाख रुपए के लिए 20 प्रतिशत और 20 लाख रुपए से अधिक की आय पर 25 प्रतिशत कर लगाया जाए।
ज्ञापन में अस्पष्ट नकद क्रेडिट, ऋण, निवेश और व्यय पर धारा 115बीबीई के तहत कर की दर का भी उल्लेख किया गया है, जिसे नोटबंदी के दौरान बढ़ाकर 75 प्रतिशत और उपकर कर दिया गया था। जैन ने इस दर को मूल 30 प्रतिशत पर वापस लाने की वकालत की है। (भाषा)