भारतीय होटल संघ (HAI) के अध्यक्ष के बी काचरू ने कहा कि यह क्षेत्र ऊंचे कराधान के बोझ से दबा है। इसके अलावा लाइसेंस, मंजूरी और अनुपालन की प्रक्रिया भी काफी महंगी बैठती है। होटल के परिचालन की लागत काफी ऊंची है। इन वजहों से होटल में निवेश जोखिम भरा हो जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि आगामी आम बजट में होटल को विलासिता, विशिष्ट या नुकसान वाले उत्पाद के रूप में वर्गीकृत करने की नीति में बदलाव होना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के दृष्टिकोण-2047 को हासिल करने के लिए यह आतिथ्य क्षेत्र की क्षमता का लाभ उठाने का अवसर है। बजट के लिए HAI की प्रमुख नीतिगत सिफारिश यह है कि सरकार होटल क्षेत्र को बुनियादी ढांचे का दर्जा दे।