एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने एक रिपोर्ट में कहा, '836 उम्मीदवारों में 302 करोडपति हैं। बसपा के 73 में 66, भाजपा के 73 में 61, सपा के 51 में 40 और कांग्रेस के 24 में 18, रालोद के 57 में 41 और 293 निर्दलीय उम्मीदवारों में 43 ने एक करोह़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति घोषित की है।'
एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है, 'विश्लेषण किए गए 836 उम्मीदवारों में 168 ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले घोषित किए हैं।' पांच प्रत्याशी ऐसे भी हैं, जिन पर दुष्कर्म का मामला दर्ज है जबकि 15 हत्या में आरोपित हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक 143 उम्मीदवारों ने हत्या, हत्या की कोशिश, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध सहित गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए है। कुल 186 उम्मीदवारों ने अपना पैन विवरण घोषित नहीं किया है।
उत्तरप्रदेश इलेक्शन वाच और एडीआर ने पहले चरण का चुनाव लड रहे पांच राष्ट्रीय, आठ राज्य, 85 गैर मान्यताप्राप्त दल और 293 उम्मीदवारों सहित 98 राजनीतिक दलों से 839 उम्मीदवारों में 836 द्वारा दिए गए हलफनामे का आकलन किया है।
राजनीतिक दल दागी और आपराधिक पृष्ठभूमि वालों से दूरी की बातें चाहे जितनी करते रहे हों, मगर विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के समय इस ओर से आंखे मूंद ली। पहले चरण की 73 सीटों लिए भाग्य आजमा रहे प्रत्याशियों में से 20 फीसद पर मुकदमे दर्ज होने से यह बात साफ है। भाजपा, सपा, बसपा और रालोद ने भी आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को टिकट देने में दरियादिली दिखाई है।