रातभर भाजपा कार्यालय में डटे रहे अमित शाह

जयदीप कर्णिक

सोमवार, 13 फ़रवरी 2017 (11:36 IST)
लखनऊ। विधानसभा के ठीक सामने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविवार शाम पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। वो उस अभी सूनी पड़ी विधानसभा में अपनी पार्टी के मुख्यमंत्री को बैठाने की कसमसाहट को छुपाते हुए पहले ही चरण में 50 सीटें आने की बात कर रहे थे।
ये संयोग भी दिलचस्प है कि लखनऊ विधानसभा के ठीक सामने भाजपा कार्यालय है। बगल में ही अखिलेश यादव का सपना लोक-भवन आकार ले रहा है। ये नया मुख्यमंत्री कार्यालय है। इस कार्यालय पर और विधानसभा पर काबिज होने के लिए भाजपा कितनी बुरी तरह बेताब है, ये अमित शाह से बेहतर कौन जानेगा?
 
अभी उत्तरप्रदेश की केवल 73 सीटों पर पहले चरण का मतदान हुआ है। अमित शाह जब इनमें से 50 सीटों आने की बात करते हैं तो वो खुद जानते हैं कि ये कुछ ज्यादा ही आशावादी बात हो गई है। पर अगले चरणों में पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा रखने के लिए ये जरूरी है और हवा बनाने के लिए भी। ऐसी ही कुछ बातें मायावती भी कर रही हैं। जिन 73 सीटों पर वोटिंग हुई हैं उनमें से 40 मुस्लिम बहुल हैं।
पिछले चुनाव में इन 73 में भाजपा के पास केवल 12 सीटें थीं, इसीलिए जब अमित शाह 50 की बात करते हैं तो इस दावे की सचाई 11 मार्च के पहले तो पता लगाना मुश्किल है, पर इसको 50 और भाजपा को कुल 265 सीटों तक पहुंचाने में कितनी कड़ी मेहनत लगेगी ये अमित शाह बहुत अच्छे से जानते हैं। तभी तो पत्रकार वार्ता के बाद पत्रकार तो धीरे-धीरे रवाना हो गए, पर अमित शाह देर रात तक वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ वॉर रूम में डटे रहे। रणनीति को लेकर ये बैठक देर तक चली। फिर अमित शाह कार्यालय के ही विश्रामगृह में चले गए।
 
वो सोए कि नहीं ये तो नहीं कहा जा सकता, पर अब 11 मार्च तक उनकी आंखों की नींद गायब ही रहने वाली है। सपा-कांग्रेस गठबंधन की चुनौती और मुस्लिम वोटों के रुझान के बीच 'मिशन-265' तक पहुंचना आसान नहीं होगा।

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