पिछले चुनाव में इन 73 में भाजपा के पास केवल 12 सीटें थीं, इसीलिए जब अमित शाह 50 की बात करते हैं तो इस दावे की सचाई 11 मार्च के पहले तो पता लगाना मुश्किल है, पर इसको 50 और भाजपा को कुल 265 सीटों तक पहुंचाने में कितनी कड़ी मेहनत लगेगी ये अमित शाह बहुत अच्छे से जानते हैं। तभी तो पत्रकार वार्ता के बाद पत्रकार तो धीरे-धीरे रवाना हो गए, पर अमित शाह देर रात तक वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ वॉर रूम में डटे रहे। रणनीति को लेकर ये बैठक देर तक चली। फिर अमित शाह कार्यालय के ही विश्रामगृह में चले गए।