आपको बता दें कि अपर्णा काफी लंबे समय से राजनीति में आना चाहती थीं जिसके चलते कई बार मीडिया में वह चर्चा का विषय बनीं। एक मौका तो ऐसा भी आया था जब उन्होंने नरेंद्र मोदी की तारीफ कर दी, जिसको लेकर अपर्णा काफी दिन तक टीवी चैनलों व अखबार में छाई रही थीं।
अगर पार्टी सूत्रों की मानें तो अपर्णा भी डिंपल यादव की तरह आसानी से राजनीति में आना चाहती थीं, लेकिन राजनीति में उनकी एंट्री उतनी आसान नजर नहीं आ रही है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि इसके चलते अपर्णा यादव अंदर से नाराज भी हैं, जिसकी जानकारी परिवार के हर सदस्य को है।
अपर्णा का नाराज होना लाजमी भी है क्योंकि अगर लखनऊ कैंट सीट पर नजर डालें तो समाजवादी पार्टी कभी भी इस सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि सपा इस सीट पर तीसरे और चौथे नंबर पर रहते आई है। अगर लखनऊ कैंट सीट के आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा कांग्रेस पार्टी ने विजय प्राप्त की है और उसके बाद भाजपा ने विजय प्राप्त की है।
अब सवाल यह उठता है ऐसी सीट जहां कभी भी समाजवादी पार्टी की साइकिल दो कदम न चल पाई, वहां क्या अपर्णा यादव साइकिल को रफ्तार देने में कामयाब हो पाएंगी? अपर्णा सफल होती हैं या असफल यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन अब तो वह मैदान में उतर चुकी हैं।