उन्होंने कहा कि हमारी बुआजी (मायावती) अब तो बहुत लंबा भाषण पढ़ने लगी हैं और विकास की भी बातें करने लगी हैं। जनता ने जब उन्हें मौका दिया था तो उन्होंने बड़े-बड़े हाथी लगवा दिए थे। बुआजी से क्या उम्मीद करोगे जिन्होंने अपना पूरा वोट पिछली बार भाजपा को दिलवा दिया था। परिणाम यह हुआ कि भाजपा को सबसे ज्यादा सीटें मिल गईं और केंद्र में उसकी सरकार भी बन गई।
अखिलेश ने जनता को बसपा से होशियार करते हुए कहा कि आप साइकिल तो छोटी-सी जगह में रख लोगे, हाथी को कहां रखोगे? अगर हाथी घर में घुस गया तो सब गड़बड़ कर देगा। उन्होंने बसपा छोड़कर दूसरे दलों में गए नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का जिक्र करते हुए कहा कि बसपा में नकदी दिए बगैर चुनाव का टिकट नहीं मिलता है। मैं नहीं पूछूंगा कि बसपा के प्रत्याशी कितनी नकदी देकर टिकट लाए हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक बार फिर विकास के मुद्दे पर बहस की चुनौती देते हुए कहा कि प्रधानमंत्रीजी चाहें तो उस गंगा मैया के किनारे, जिसे साफ करने का उन्होंने वादा किया था, वहां बहस कर लें, चाहे गोमती के किनारे, चाहे लोहिया गांव में, चाहे आपने जो आदर्श गांव बनाया, वहां बहस कर लें। (भाषा)