यूपी में भाजपा ने जातिगत समीकरणों का ध्यान रखा

यूपी चुनावों के लिए भाजपा ने सोमवार को 149 सीटों के प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया। सूची में जाट, गुर्जर, लोध और गैर यादव समुदाय के 56 ओबीसी प्रत्याशियों को टिकट दिया गया है। 
 
एक अंग्रेजी दैनिक की रिपोर्ट के अनुसार सूची में 26 ठाकुरों और 15 ब्राह्मणों को भी जगह मिली है। पश्चिमी यूपी में 15 जाट और 4 गुर्जरों को टिकट दिया गया है। अल्पसंख्यक समुदाय के नाम पर सिर्फ 1 सिख को टिकट दिया गया है। ये प्रत्याशी हैं बलदेव ओलाख, जो रामपुर जिले के बिलासपुर सीट से खड़े हुए हैं। ओलाख रामपुर के पार्टी जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं। 
 
सूची की प्रमुख विशेषता यह है कि किसी भी मुस्लिम को उम्मीदवार नहीं बनाया गया है। पूर्व सीएम कल्याण सिंह की तीसरी पीढ़ी ने राजनीति में दस्तक दी है और उनके पोते संदीप को अतरौली से टिकट मिला है। इसे कल्याण सिंह का गढ़ माना जाता है। कल्याण सिंह फिलहाल राजस्थान के गवर्नर हैं। संदीप के पिता राजवीर सिंह एटा से बीजेपी सांसद हैं। 
 
भाजपा ने अपनी सूची में 'बागी' और 'दागी' प्रत्याशियों का खास खयाल रखा है, क्योंकि ये ऐसे प्रत्याशी हैं, जो कि चुनाव जीतने की बेहतर संभावनाएं रखते हैं। भाजपा ने बेहत से महावीर राणा, नाकुर से धरम सिंह, नेहतौर से ओम कुमार, पटियाली से ममतेष शाक्या, तिलहर से रोशनलाल वर्मा, पलिया से रोमी साहनी और धौरहरा से बालाप्रसाद अवस्थी को भी टिकट दिया है। विदित हो कि ये बसपा से भी विधायक रहे हैं। 
 
कांग्रेस के पूर्व विधायक प्रदीप चौधरी को बीजेपी ने गंगोह से, रालोद विधायकों दलवीर सिंह और पूरन प्रकाश को बरोली से टिकट दिया है। एसपी के मौजूदा विधायक और पूर्व मंत्री राजा अरिदमन सिंह की पत्नी रानी पक्षालिका सिंह को आगरा के बाह निर्वाचन क्षेत्र से टिकट मिला है। विदित हो कि अरिदमन और उनकी पत्नी पिछले सप्ताह भी भाजपा में शामिल हुए हैं। 
 
पक्षालिका साल 2012 के चुनावों में एसपी के टिकट पर खेड़ागढ़ से चुनाव हार गई थीं। उनका नाम बीते महीने एसपी के उन उम्मीदवारों की सूची में भी था जिसे मुलायम सिंह ने जारी किया था, पर इस बार ठीक मतदान से पहले पति-पत्नी सपा छोड़कर भाजपा में आ गए और पार्टी ने दोनों को टिकट भी दे दिया है।

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