लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 बेहद नजदीक है। ऐसे में एसोसिएट डेमोक्रेटिक रिफार्म (ADR) ने शुक्रवार देर शाम को एक रिपोर्ट जारी करते हुए राजनीतिक दलों व अपराधिक छवि वाले विधायकों की नींद उड़ा दी। इसके बाद से टिकट कटने का डर कई विधायकों को सता रहा है।
आपको बताते चलें कि एडीआर रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उत्तर प्रदेश में मौजूदा 45 विधायकों पर एमपी-एमएलए कोर्ट में लगभग आरोप तय हो गए हैं। एडीआर के मुख्य समन्वयक डॉ.संजय सिंह द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार भाजपा के 29,बसपा व अपना दल के 3-3,सपा के 4,कांग्रेस व अन्य दल के 1-1 विधायक शामिल है।
इन 44 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित रहने की औसत संख्या 13 वर्ष है। 32 विधायकों के खिलाफ 10 साल या उससे अधिक समय से कुल 63 आपराधिक मामले लंबित हैं।
इस सूची में टॉप पर मड़िहान विधानसभा से भाजपा विधायक रमाशंकर सिंह, दूसरे स्थान पर बसपा के मऊ से मुख्तार अंसारी, तीसरे स्थान पर धामपुर से भाजपा विधायक अशोक कुमार राना हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू का नाम भी इस सूची में शामिल है।
ये है अयोग्यता के पैमाने
-धारा 8(2) के तहत कम से कम 6 महीने की सजा के साथ दोषी ठहराए जाने पर आयोग्य घोषित
-एक्ट की धारा आठ (1) में दोषी ठहराए जाने पर अयोग्य घोषित
-धारा 8(3) के तहत 2 साल से कम की सजा के साथ दोषी ठहराए जाने पर अयोग्य घोषित
कौन-कौन है सूची में
बीजेपी
-रमा शंकर सिंह (मड़िहान)
-बृजभूषण (चरखारी)
-अशोक कुमार राणा (धामपुर)
-सूर्य प्रताप (पथरदेवा)
-संजीव राजा (अलीगढ़)
-कारिंदा सिंह (गोवर्धन)
-सुरेश्वर सिंह (महसी)
-अभय कुमार (रानीगंज)
-राकेश कुमार (मेंहदावल)
-संजय प्रताप जायसवाल (रुधौली)
-राम चंद्र यादव (रुदौली)
-गोरखनाथ (मिल्कीपुर)
-इंद्र प्रताप (गोसाईगंज)
-अजय प्रताप (कर्नलगंज)
-श्रीराम (मोहम्मदाबाद गोहना)
-आनंद (बलिया)
-सुशील सिंह (सैयदरजा)
-रवीन्द्र जायसवाल (वाराणसी उत्तर)
-भूपेश कुमार (राबर्ट्सगंज)
-सुरेन्द्र मैथानी (गोविंदनगर)
-मनीष असीजा (फिरोजाबाद)
-नंद किशोर (लोनी)
-देवेन्द्र सिंह (कासगंज)
-वीरेन्द्र (एटा)
-विक्रम सिंह (खतौली)
-धर्मेन्द्र कुमार सिंह शाक्य (शेखुपुर)
-राजेश मिश्र (बिथरी चैनपुर)
-बाबू राम (पूरनपुर)
-मनोहर लाल (मेहरौनी)
-उमेश मलिक (बुढ़ाना)
अपना दल
-राज कुमार पाल (प्रतापगढ़)
-अमर सिंह (शोहरतगढ़)
-हरिराम (दुद्धी)
समाजवादी पार्टी
-राकेश प्रताप सिंह (गौरीगंज)
-शैलेन्द्र यादव ललई (शाहगंज)
-प्रभुनाथ यादव (सकलडीहा)
-मो रिजवान (कुंदरकी)
बीएसपी
-मुख्तार अंसारी (मऊ)
-असलम अली (धोलना)
-मो असलम (भिनगा)
कांग्रेस
-अजय कुमार लल्लू (तमकुहीगंज)
अन्य
-सत्यवीर त्यागी (मेरठ)
-राजकरन (नरैनी)
-विजय कुमार (ज्ञानपुर)
क्या बोले अधिकारी : एडीआर के मुख्य समन्वयक व संयोजक संजय सिंह ने बताया कि 2017 के विधानसभा चुनाव में दिए गए 396 विधायकों के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया गया है। इनमें से 45 मौजूदा विधायकों पर हत्या, दुष्कर्म, डकैती, लूट, अपहरण, महिलाओं पर अत्याचार, रिश्वत, अनुचित प्रभाव, धर्म, नस्ल भाषा और जन्म स्थान के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता पैदा करने जैसे अपराध के मामले दर्ज हैं। इनमें से किसी भी अपराध का दोष सिद्ध होने की तिथि से ही विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित करने और उसकी रिहाई के अगले छह साल तक संबंधित को अयोग्य रखने का प्रावधान है।