लखनऊ। अखिलेश यादव ने भाजपा को पटखनी देने के लिए इस बार राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) से हाथ मिलाया है। दोनों दलों में सीटों को लेकर सहमति भी बनी, लेकिन जैसे-जैसे उम्मीदवारों की घोषणा हो रही है। स्थानीय स्तर पर विरोध के साथ ही दोनों दलों के बीच दरार दिखाई दे रही है।
कार्यकर्ताओं का मानना है कि सीटों के बंटवारे में उनके नेता जयंत चौधरी को कम अहमियत दी गई। रसूख वाली सीटें सपा नेताओं के पास चली गई हैं और रही-सही कसर भाजपा ने पूरी कर दी है। पार्टी ने मेरठ-बागपत की 10 में से 5 सीटों पर जाट उम्मीदवार उतार दिए हैं जबकि रालोद ने केवल 3 सीटों पर जाट उम्मीदवार उतारे हैं।