कानपुर। कानपुर जिले की किदवई नगर विधानसभा क्षेत्र से बसपा ने मोहन मिश्रा एडवोकेट को अपना प्रत्याशी/प्रभारी घोषित कर दिया है। किदवई नगर के-ब्लॉक में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में मुख्य सेक्टर प्रभारी नौशाद अली ने इसका विधिवत ऐलान किया।
कानपुर और लखनऊ मंडल के मुख्य सेक्टर प्रभारी एवं एमएलसी नौशाद अली ने सम्मेलन में कहा कि प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। यह सरकार कोई भी विकास कार्य नहीं कर पाई है। रोजगार के नाम पर युवकों को गुमराह किया गया है। बसपा सरकार में बहुत विकास हुआ था। कानून एवं व्यवस्था पूरी तरह पटरी पर थी। सर्व समाज को लेकर चलना पार्टी का उद्देश्य है।
मुख्य सेक्टर प्रभारी भीमराव अंबेडकर ने कहा कि प्रदेश में जब बसपा की सरकार थी तो भयमुक्त वातावरण था। ऐसा वातावरण मायावती सरकार में ही संभव है। इस बार फिर सरकार बनानी है ताकि लोग चैन से रह सकें। एक गेस्ट हाउस में हुई इस बैठक में मुख्य सेक्टर प्रभारी प्रवेश कुरील, संघप्रिय गौतम, बौद्धप्रिय गौतम, डीआर त्यागी, राजकुमार कप्तान, जिलाध्यक्ष रामशंकर कुरील, दीप सिंह, संजय गौतम, प्रभाष कुरील, अनिल पाल और महानगर अध्यक्ष रामनरायण निषाद आदि मौजूद रहे।
राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) प्रमुख जयंत चौधरी ने आगामी उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावना से इंकार कर दिया। रविवार शाम शामली में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत 'अंतिम चरण' में है। रालोद नेता ने हाल ही लखनऊ हवाई अड्डे पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की थी और बाद में दोनों छत्तीसगढ़ सरकार के चार्टर्ड विमान से दिल्ली रवान हुए थे। इस घटनाक्रम से राजनीतिक गलियारे में गठबंधन को लेकर कई तरह के कयास लगाए जाने लगे थे।
यह पूछे जाने पर कि क्या यह बैठक सीटों के बंटवारे के संबंध में सपा पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा था तो रालोद के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि किसी पर कोई दबाव नहीं डाला गया। यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी और पहले के नेताओं के बीच ऐसा होना आम था, लेकिन भाजपा ने इस चलन को बदल दिया और राजनीति में लोग एक-दूसरे के दुश्मन बन गए।
इसी बीच चौधरी ने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वह घोषणापत्र में युवाओं को 1 करोड़ रोजगार देने, गन्ने के लिए राज्य सलाहकार मूल्य (एसएपी) निर्धारण और 14 दिन के भीतर भुगतान सुनश्चित करने समेत अन्य सभी वादों को पूरा करेगी। उन्होंने विद्युत अधिनियम 2003 में प्रस्तावित संशोधनों का विरोध किया।