लखनऊ। उत्तरप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर भारतीय जनता पार्टी में मची भगदड़ को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने कहा जो-जो लोग पार्टी छोड़कर जा रहे हैं, वे-वे अपने पारिवारिक कारणों के वजह से जा रहे हैं। और रही मेरी बात तो अगर पार्टी मेरी पत्नी को प्रत्याशी बनाती है तो मैं चुनाव नहीं लडूंगा और अगर मैं प्रत्याशी बनता हूं तो मेरी पत्नी चुनाव नहीं लड़ेगी।
आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी में मची भगदड़ अभी थमने का नाम नहीं ले रही है और माना जा रहा है कि पार्टी की ओर से जारी की गई पहली सूची के बाद कई और विधायक पार्टी को अलविदा कह सकते हैं। इन सब बातों को लेकर पत्रकारों ने जब भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि पार्टी के अंदर परिवारवाद को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता है और जो लोग पार्टी छोड़कर गए हैं, वे अपने पारिवारिक कारणों की वजह से गए हैं।
उन्होंने कहा कि बीजेपी में स्वामी प्रसाद मौर्यजी खुद मंत्री थे। उनकी बेटी सांसद थीं लेकिन वे अपने बेटे के लिए टिकट मांग रहे थे। भाजपा उनके समर्थकों को टिकट देती है लेकिन एक ही परिवार के अन्य सदस्यों को टिकट नहीं दे सकती थी जिसके चलते उन्होंने हमारा साथ छोड़ दिया। और रही दारासिंहजी की बात, तो वे लगातार विधानसभा बदलने की बात कर रहे थे और यह संभव नहीं था जिसके चलते उन्होंने पार्टी को छोड़ दिया। किसी के जाने से कोई भी दल खत्म नहीं हो जाता है। हार-जीत का फैसला तो जनता करती है।
उन्होंने खुद की दावेदारी को लेकर साफ कर दिया कि अगर उनकी पत्नी व सरकार में मंत्री स्वाति सिंह को टिकट मिलता है तो वे अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाएंगे और खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे और अगर उन्हें टिकट मिलता है तो उनकी पत्नी उनको चुनाव लड़ाएगी लेकिन वे खुद नहीं लड़ेंगी। यह निर्णय अब भारतीय जनता पार्टी को लेना है कि वह हम दोनों में किसे टिकट देती है?