भाजपा की प्रदेश सरकार द्वारा अपने पूरे पांच वर्षों के कार्यकाल के दौरान दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं व जनप्रतिनिधियों को कोई तवज्जो नहीं दी गई और न उन्हें उचित सम्मान दिया गया। इतना ही नहीं, शाक्य और डॉ. वर्मा ने खुद को मौर्य का समर्थक भी बताते हुए कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य शोषित पीड़ितों की आवाज हैं। वे हमारे नेता हैं।