तीसरे चरण में योगी सरकार के मंत्री ही नहीं बल्कि केन्द्रीय मंत्री की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। इनमें केन्द्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल तीसरे चरण के मतदान वाली सबसे खास सीटों में शुमार मैनपुरी की करहल सीट पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को चुनौती दे रहे हैं। भोगांव सीट पर योगी सरकार में आबकारी मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री और कानपुर जिले की महाराजगंज सीट पर सतीश महाना किस्मत आजमा रहे हैं।
चर्चित चेहरों वाली अन्य प्रमुख सीटों में सादाबाद, जसवंतनगर, फर्रुखाबाद और कन्नौज सीट शामिल है। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल सिंह यादव इटावा की जसवंतनगर सीट से सपा के चुनाव चिन्ह पर मैदान में हैं। जबकि मुलायम के समधी हरिओम यादव भाजपा के टिकट पर सिरसागंज सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। बसपा के ब्राह्मण चेहरा रहे रामवीर उपाध्याय इस बार सादाबाद से भाजपा के उम्मीदवार हैं।
हाल ही में भारतीय पुलिस सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले कानपुर के पुलिस आयुक्त रहे असीम अरुण कन्नौज (सु) सीट से भाजपा के प्रत्याशी हैं। पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुइस खुर्शीद फर्रुखाबाद सीट से कांग्रेस प्रत्याशी हैं। कांग्रेस ने 2017 में कानपुर की किदवईनगर सीट पर अजय कपूर और गोविंदनगर सीट पर करिश्मा ठाकुर की बहुत कम मतों से हार के एक बार फिर इस चुनाव में दोनों को उम्मीदवार बनाया है।
इस चरण में बृज क्षेत्र के 5 जिलों फिरोजाबाद, हाथरस, मैनपुरी, एटा और कासगंज की 19, अवध क्षेत्र के कानपुर, कानपुर देहात, औरैया, फर्रुखाबाद, कन्नौज और इटावा जिले की 27 तथा बुंदेलखंड के 5 जिलों झांसी, जालौन, ललितपुर, महोबा और हमीरपुर की 13 सीटों पर चुनाव होना है।
इनमें सपा का सबसे मजबूत गढ़ एटा, इटावा और मैनपुरी की यादव बैल्ट भी शामिल है, जिस पर पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी भाजपा ने सपा के किले में जबरदस्त सेंधमारी की थी।
तीसरे चरण की 59 में से 49 सीटों पर 2107 में भाजपा ने कब्जा जमाया था, जबकि मात्र नौ सीटें सपा और एक सीट पर कांग्रेस जीत सकी थी। बसपा का इस इलाके में खाता भी नहीं खुल सका था। अपने वजूद की लड़ाई लड़ रहे विपक्षी दलों को इस चुनाव में तीसरे चरण वाली सीटों पर खोई जमीन वापस पाने की उम्मीद है वहीं, भाजपा किसी भी कीमत पर इस इलाके में खुद को कमजोर नहीं पड़ने देने की भरपूर कोशिश कर रही है।