अधिकारी ने कहा कि तीन साल बाद भी यदि बीपीसीएल का नया मालिक एलपीजी कारोबार को कंपनी में ही बनाए रखना चाहेगा तो उसके बाद भी ग्राहकों को सरकारी सब्सिडी मिलती रहेगी। यदि नया मालिक एलपीजी कारोबार को रखने से मना करता है तो तीन साल बाद उसके एलपीजी ग्राहकों को अन्य दो सरकारी कंपनियों इंडियन ऑइन कारपोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
अधिकारी ने कहा कि सरकार कंपनी के 7.3 करोड़ ग्राहकों को निजीकरण के बाद भी सब्सिडी जारी रखेगी, लेकिन किसी निजी कंपनी को सरकारी सब्सिडी देने में हितों के टकराव के चलते एलपीजी कारोबार को एक अलग एसबीयू के तहत रखा जाएगा।