उन्होंने कहा कि बैंक लोन की दर तो तुरंत बढ़ा देती है, लेकिन एफडी के रेट एकदम नहीं बढ़ाती है। इसकी वजह यह है कि लोन की दर बढ़ाने से उसे लाभ है, लेकिन जमा पर ब्याज दर बढ़ाने से उसे घाटा होगा। अगर बैंक ने लोन पर 0.5 फीसदी से ब्याज दर बढ़ाई तो 1,00,000 पर 500 रुपए से ईएमआई बढ़ जाएगी।