व्हाट्सएप और सोशल मीडिया पर कहीं ये गलती आपको जेल न पहुंचा दे!

WD Feature Desk

मंगलवार, 29 जुलाई 2025 (18:18 IST)
adult content share krne se kya hota hai: आज के डिजिटल युग में हम सब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर एक्टिव रहते हैं। इन ऐप्स के जरिए हम बातें करते हैं, जानकारी साझा करते हैं, और कई बार ऐसा कंटेंट भी साझा कर देते हैं जो संवेदनशील होता है जैसे कि एडल्ट या अश्लील सामग्री (Adult Content)। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसे कंटेंट को शेयर करना, फॉरवर्ड करना या डाउनलोड करना भारतीय कानून के तहत एक गंभीर अपराध है? अक्सर लोग इसे "मजाक" या "प्राइवेट मटेरियल" समझकर अनजाने में कानून तोड़ देते हैं, और इसका परिणाम जेल या जुर्माने के रूप में सामने आता है।
 
पहले के जमाने में जब किसी से बात करनी होती थी, तो या तो खुद जाकर मिलना पड़ता था या फिर दिल की बात कागज़ पर लिखकर खत के ज़रिए भेजनी पड़ती थी। उस दौर में संवाद का एकमात्र सहारा सिर्फ लिखे हुए शब्द होते थे। लेकिन आज के डिजिटल युग में हालात पूरी तरह बदल चुके हैं। अब लोग अपनी बात कहने के लिए न सिर्फ शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, बल्कि फोटो, वीडियो और ऑडियो के जरिए भी पलों को उसी वक्त दूसरों तक पहुंचा देते हैं। संचार अब तेज, आसान और विजुअल हो गया है।
 
चलिए विस्तार से जानते हैं कि भारतीय कानून इस बारे में क्या कहता है, किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और किन गलतियों से बचना जरूरी है ताकि हम किसी भी कानूनी पचड़े में न फंसें।
 
एडल्ट कंटेंट को लेकर भारतीय कानून क्या कहता है?
भारत में इंटरनेट पर अश्लील (Pornographic) सामग्री को बनाना, साझा करना, डाउनलोड करना या पब्लिश करना Information Technology Act, 2000 और Indian Penal Code (IPC) के अंतर्गत अपराध है। विशेष रूप से IT Act की धारा 67, 67A और 67B इस विषय में बेहद कड़ी हैं।
 
Section 67: यदि कोई व्यक्ति इलेक्ट्रॉनिक रूप से अश्लील कंटेंट प्रकाशित करता है, तो उसे 3 साल की जेल और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
 
Section 67A: यदि कोई व्यक्ति यौन सामग्री (sexually explicit content) शेयर करता है, तो उसे 5 साल तक की जेल और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
 
Section 67B: यदि कोई बाल अश्लीलता (Child Pornography) में लिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ा जुर्माना और जेल निश्चित है।
 
इन धाराओं का दायरा सिर्फ वेबसाइट्स तक सीमित नहीं है, व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, ट्विटर, और यहां तक कि ईमेल के जरिए भेजा गया कंटेंट भी इसमें शामिल होता है।
 
व्हाट्सएप ग्रुप में शेयरिंग भी बना सकती है अपराधी
बहुत से लोग सोचते हैं कि अगर वो प्राइवेट व्हाट्सएप ग्रुप में एडल्ट कंटेंट भेजते हैं, तो वो सुरक्षित हैं। लेकिन यह सोच खतरनाक भ्रम है। यदि आपके ग्रुप में कोई सदस्य इस कंटेंट की शिकायत करता है, या उसका मोबाइल पुलिस जांच में आता है, तो एडमिन और कंटेंट भेजने वाले दोनों पर कार्रवाई हो सकती है।यदि आप ग्रुप एडमिन हैं, तो आपकी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। पुलिस केस में ग्रुप के सभी एक्टिव मेंबर्स को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। यदि कंटेंट चाइल्ड पॉर्नोग्राफी से जुड़ा है, तो बिना सुनवाई के गिरफ्तारी संभव है।
 
फेसबुक, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर एडल्ट कंटेंट शेयरिंग 
आजकल इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर कई ऐसे पेज और चैनल चल रहे हैं जो अश्लील कंटेंट फैलाते हैं। लोग इन्हें “फन” या “एंटरटेनमेंट” समझकर फॉलो और शेयर कर लेते हैं, लेकिन ये प्लेटफॉर्म्स नियमित रूप से सरकार और साइबर सेल की निगरानी में रहते हैं। अगर आप किसी टेलीग्राम चैनल के एडमिन हैं जिसमें अश्लील कंटेंट पोस्ट होता है, किसी इंस्टा पेज पर अश्लील रील्स या क्लिप्स पोस्ट करते हैं या फेसबुक पर ऐसा कंटेंट किसी को भेजते हैं, तो आपके खिलाफ FIR दर्ज हो सकती है, और साइबर क्राइम ब्रांच आपको ट्रेस करके कड़ी कार्रवाई कर सकती है।
 
एडल्ट कंटेंट को फोन में रखने या फॉरवर्ड करना भी अपराध 
महिलाओं से संबंधित किसी भी आपत्तिजनक वीडियो को आगे बढ़ाना यानी शेयर करना कानून की नजर में गंभीर यौन अपराध माना जाता है। ऐसे मामलों में POCSO एक्ट और BNS की कई सख्त धाराएं लागू हो सकती हैं। कई बार देखा गया है कि लोग जानबूझकर नहीं, लेकिन अनजाने में ऐसे कंटेंट को फोन में रखने या फॉरवर्ड करने की वजह से गिरफ्तार हो जाते हैं। अगर किसी के मोबाइल से ऐसा वीडियो बरामद होता है, तो उसे दोषी माना जा सकता है, भले ही उसका इरादा गलत न रहा हो। इसलिए यदि आपके पास इस तरह का कोई वीडियो आता है या आपको कहीं दिखता है, तो उसे न तो सेव करें और न ही किसी के साथ साझा करें। ऐसा करना आपको गंभीर कानूनी मुसीबत में डाल सकता है।
 

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