मुंबई। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने फेसबुक के स्वामित्व वाली मैसेजिंग ऐप Whatsapp को देश में चरणबद्ध तरीके से भुगतान सेवा शुरू करने की गुरुवार को अनुमति दे दी।
NPCI की ओर से यह घोषणा उसके कुल यूपीआई (UPI) लेन-देन में किसी तीसरे पक्ष पर केवल 30 प्रतिशत हिस्सेदारी सीमा तय करने के बाद की गई। इसका मतलब यह हुआ कि Whatsapp या उसकी प्रतिद्वंदी गूगल की गूगल पे सेवा और वॉलमार्ट की फोनपे सेवा यूपीआई के तहत होने वाले कुल लेन-देन में अधिकतम 30 प्रतिशत तक ही कारोबार कर पाएंगी।
एनपीसीआई एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) का परिचालन करता है, जो वास्तविक समय में दो मोबाइल फोन या किसी दुकानदार के साथ खरीद-फरोख्त में भुगतान की सुविधा देती है।
एनपीसीआई ने एक बयान में कहा कि यूपीआई लेन-देन में किसी एकल तीसरे पक्ष के लिए लेन-देन की सीमा तय किए जाने से पूरी प्रणाली का जोखिम कम करने में मदद मिलेगी। यह अनिवार्य भी है क्योंकि यूपीआई के तहत लेन-देन की संख्या अक्टूबर में दो अरब के पार जा चुकी है और अभी आगे इसके और बढ़ने की संभावना है।
भुगतान कारोबार में काम कर रही कंपनियों का मानना रहा है कि Whatsapp को भुगतान सेवा शुरू करने की अनुमति देने से भारतीय डिजिटल भुगतान क्षेत्र में भुगतान की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी। चीन में वीचैट के अकेले एक अरब से अधिक सक्रिय यूजर्स हैं।
मई तक के आंकड़ों के हिसाब से देश में Whatsapp के 40 करोड़ से अधिक यूजर्स हैं जबकि अन्य तीसरे पक्ष की ऐप गूगलपे के 7.5 करोड़ और फोनपे के 6 करोड़ यूजर्स हैं।
Whatsapp पिछले दो साल से पायलट आधार पर इस सेवा का संचालन कर रहा था लेकिन डेटा के स्थानीयकरण की अनिवार्यताएं पूरी नहीं करने के चलते उसे आधिकारिक अनुमति नहीं दी गई।
एनपीसीआई ने Whatsapp को अनुमति देने और लेनदेन की सीमा तय करने के दो अलग बयान जारी किए हैं। बयान के मुताबिक यूपीआई के तहत प्रक्रिया में होने वाली सभी लेनदेन के कुल संख्या का 30 प्रतिशत की सीमा सभी तीसरे पक्ष वाले ऐप सेवा प्रदाताओं (टीपीएपीएस) पर एक जनवरी 2021 से लागू होगी।
बयान के मुताबिक Whatsapp बहु-बैंक मॉडल के तहत अपनी यूपीआई सेवाओं को अब शुरू कर सकती है। वह चरणद्ध तरीके से अपने ग्राहकों की संख्या बढ़ा सकती है और इसकी शुरुआत वह दो करोड़ पंजीकृत यूजर्स के माध्यम से कर सकती है। (भाषा)