कानपुर। कानपुर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जिले में अंधता नियंत्रण कार्यक्रम संचालित हो रहा है। लक्ष्य पूरा करने के फेर में महकमे के जिम्मेदार निजी अस्पतालों में बिना जांच और मानक पूरे कराए ही मोतियाबिंद के आपरेशन कराते जा रहे हैं। इसके चलते एक निजी अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 6 ग्रामीणों को अपनी आंख की रोशनी गवानी पड़ी है। सांसद की शिकायत के बाद सीएमओ ने अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करते हुए जांच के आदेश दिए हैं।
क्या है मामला - कानपुर के बिल्हौर तहसील के शिवराजपुर के बीरामऊ गांव में दो नवंबर को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नेत्र परीक्षण शिविर उत्तरीपुरा में लगाया गया था। नेत्र प्रशिक्षण शिविर में दिखाने के बाद सुघर देवा गांव के 11 ग्रामीण मोतियाबिंद आपरेशन के लिए चिन्हित किए थे।
इसके बाद बर्रा स्थित एक निजी अस्पताल में शिविर को संचालित कर रहे लोगों ने मोतियाबिंद आपरेशन करने के उपरांत देर रात गांव भिजवा दिया गया। पीड़ितों का आरोप है कि आपरेशन के तीसरे दिन जब पट्टी खोली तो छह लोगों की आंखों भीषण दर्द, सूजन, आंखों से पानी और दिखना बंद हो गया। शिविर लगवाने वाले को बताया तो वह दवा देकर चला गया। जब आराम नहीं मिला तो चौबेपुर में शंकरा नेत्र चिकित्सालय में दिखाया। जहां डाक्टर ने जांच करके बताया कि आंख में संक्रमण होने से रोशनी चली गई है।
इस पर सुघर देवा गांव के आंख की रोशनी गंवाने वाले पीड़ित राजाराम कुरील, रमेश कश्यम, नन्ही, शेर सिंह, रमा देवी और सुल्ताना ने मिश्रिख के सांसद अशोक कुमार रावत से शिकायत की। सांसद ने ग्रामीणों का संज्ञान लेते हुए तत्काल सीएमओ डॉक्टर आलोक रंजन को फोन कर मामले से अवगत कराया। सीएमओ ने पीड़ितों से मुलाकात कर अस्पताल का लाइसेंस करते हुए पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
गठित की गई जांच कमेटी - ग्रामीणों की आंख की रोशनी जाने की जानकारी होने के बाद सीएमओ कानपुर में मामले की गंभीरता को देखते हुए 3 सदस्य जांच कमेटी गठित करते हुए 24 घंटे के अंदर जांच कमेटी से रिपोर्ट मांगी है। गठित जांच कमेटी में एसीएमओ डॉ. सुबोध प्रकाश और डॉ. एसके सिंह को रखा गया है, जबकि तीसरा सदस्य जीएसवीएम मेडिकल कालेज के नेत्र रोग विभाग से लिया गया है।
क्या बोले सीएमओ - सीएमओ डॉ. आलोक रंजन ने बताया कि सभी छह पीड़ित की आंख की जांच कराई थी। उन सभी की आंखों की रोशनी शून्य पाई है। यह गंभीर मामाला है हर बिंदु की जांच के लिए जांच कमेटी गठित की गई है जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।